Maharashtra Politics: फडणवीस सरकार में छगन भुजबल को नहीं मिला मौका, बोले- OBC नेता होने की वजह से बनाया जा रहा निशाना

Maharashtra Cabinet: महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हुआ और सभी मंत्रियों ने अपने-अपने पद की शपथ ली। इस दौरान राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को नई सरकार में जगह नहीं मिली। भुजबल ने कहा कि ओबीसी नेता होने के चलते अगर लोग कह रहे कि मुझे निशाना बनाया जा रहा है या फिर साइडलाइन किया जा रहा है तो ये सच ही होगा।

छगन भुजबल ने कैबिनेट में जगह ना मिलने पर अजित पवार पर साधा निशाना

Maharashtra Cabinet: फड़नवीस सरकार के कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं मिलने से नेताओं का पार्टी से इस्तीफा देने का भी सिलसिला शुरू हो गाय है। इस बीच NCP (अजित) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने फड़नवीस के मंत्रिमंडल से बाहर रखे जाने के पीछे साजिश के संकेत दिए है। उन्होंने कहा कि उनके साथ अन्यान्य और धोखा हुआ है। भुजबल ने कैबिनेट से बाहर रखे जाने पर खुलकर अजित पवार पर नाराजगी भी जताई। छगन भुजबल ने कहा कि कहा कि मंत्रिमंडल में फड़नवीस ने उन्हें रखने की सलाह अजित पवार को दी पर वो नही माने। बता दें, सोमवार को नाराज छगन भुजबल ने नागपुर से अपने चुनाव क्षेत्र नासिक निकलने से पहले ये बड़ा खुलासा किया।

राज्यसभा जाने को बोल रहे अजित पवार- छगन भुजबल

अजित पवार समेत बड़े नेताओं ने कैबिनेट शपथ ग्रहण से पहले भुजबल को राज्यसभा जाने का प्रस्ताव दिया था। जिससे भुजबल ने इनकार कर दिया था। भुजबल ने कहा कि राज्यसभा जाने के लिए 4 महीने पहले मौका था (तब अजित ने पत्नी सुनेत्रा को राज्यसभा भेजा) तब मैं तैयार भी था लेकिन तब राज्यसभा नही भेजा। तब मुझे कहा कि राज्य के चुनाव में आपकी बहुत जरूरत है। मैंने जिम्मेदारी कबूल की और जीतकर आया। अब फिर से राज्यसभा जाने को बोल रहे तो इसके लिए विधानसभा से इस्तीफा दिया तो यह वहां की जनता के साथ अन्याय होगा। यह ठीक नहीं है। भुजबल ने कहा कि 40 साल महाराष्ट्र में राजनीति कर ली। अब दिल्ली जाऊंगा और जाना भी है पर अभी नही। 1-2 साल बाद तय करूंगा।

भुजबल ने कहा कि अब मैं चुनाव क्षेत्र में जनता के साथ और स्थानीय नेताओं के साथ चर्चा करूंगा फिर देखूंगा। भुजबल ने कहा कि ओबीसी नेता होने के चलते अगर लोग कह रहे कि मुझे निशाना बनाया जा रहा है या फिर साइडलाइन किया जा रहा है तो ये सच ही होगा। भुजबल ने कहा कि मुझे कैबिनेट में जगह क्यों नहीं मिली यह सवाल अजित पवार और प्रफुल पटेल से पूछना चाहिए।

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