एकनाथ शिंदे को ये क्या हो गया? उद्धव-राज की सुलह पर प्रतिक्रिया मांगने पर हुए आग-बबूला; समझिए वजह

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के मिलन से सबसे ज्यादा नुकसान किसको होगा? खैर अभी कुछ भी कहना सही नहीं होगा, आने वाला वक्त बताएगा। इस बीच राज और उद्धव के बीच सुलह की अटकलों के बारे में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे भड़क गए।

Eknath Shinde on Uddhav-Raj

उद्धव-राज को लेकर क्या बोले एकनाथ शिंदे?

Uddhav-Raj: राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे का मिलन होने वाला है, ऐसी अटकले पर जब एकनाथ शिंदे से सवाल पूछा गया तो वो भड़क गए। अब भला इस नाराजगी की वजह क्या हो सकती है। जाहिर है, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ आने से शिवसेना (यूटीबी) मजबूत होगा, तो क्या शिंदे को अभी से अपनी पार्टी के भविष्य को लेकर चिंता सता रही है, या फिर वो कौन सी वजह है जिससे वो उद्धव-राज के मिलन पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से बचना चाहते हैं। आपको सारा माजरा तफसील से समझाते हैं।

उद्धव-राज से जुड़े सवाल पर क्यों भड़क गए शिंदे?

एक दूसरे से अलग हो चुके चचेरे भाइयों उद्धव और राज ठाकरे के बीच सुलह की अटकलों पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज हो गए और संवाददाता से कहा कि वह सरकार के काम के बारे में बात करें। शनिवार को जब शिंदे सतारा जिले में अपने पैतृक गांव दरे में थे, तो टीवी मराठी के एक संवाददाता ने उनसे शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच सुलह की चर्चा पर प्रतिक्रिया मांगी।

सवाल पर चिढ़ गए एकनाथ शिंदे, और कर दी...

शिंदे चिढ़ गए और उन्होंने संवाददाता की बात अनुसनी कर दी। शिवसेना नेता ने कहा, "काम के बारे में बात करें।" राज ठाकरे ने फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर को दिए साक्षात्कार में कहा कि उन्हें अविभाजित शिवसेना में उद्धव के साथ काम करने में कोई समस्या नहीं थी। इस बयान के बाद सुलह की अटकलें शुरू हुईं। राज ठाकरे ने कहा कि सवाल यह है कि क्या उद्धव उनके साथ काम करना चाहते हैं।

दो दशक के कटु मतभेद के बाद क्या साथ आएंगे दोनों?

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच संभावित सुलह की अटकलों को हवा देते उनके बयानों से संकेत मिलता है कि वे "मामूली मुद्दों" को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के कटु मतभेद के बाद हाथ मिला सकते हैं।

एकनाथ शिंदे की ओर इशारा करते हुए क्या बोले उद्धव?

एक ओर, मनसे प्रमुख ने कहा है कि 'मराठी मानुष' के हित में एकजुट होना कठिन नहीं है, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयां भूलने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को तरजीह न दी जाए।

उद्धव का इशारा संभवत: हाल ही में राज ठाकरे आवास पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मेजबानी करने की ओर था। अपने चचेरे भाई का नाम लिए बिना उद्धव ठाकरे ने कहा था कि 'चोरों' की मदद करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला। उनका स्पष्ट इशारा भाजपा और शिंदे नीत शिवसेना की ओर था।

जब उद्धव ठाकरे की शिवसेना में हुआ था 'दो फाड़'

साल 2022 में उद्धव ठाकरे को उस समय बड़ा झटका तब लगा था जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को तोड़कर उनकी सरकार गिरा दी थी। इसके बाद शिंदे ने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई थी। पिछले वर्ष 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए हुआ चुनाव शिवसेना (उबाठा) ने विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी के तहत लड़ा था। पार्टी ने 95 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन 20 सीट पर ही उसे जीत मिली थी।

शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के भतीजे राज ने जनवरी 2006 में पार्टी छोड़ दी थी और अपने फैसले के लिए उद्धव को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद उन्होंने मनसे की स्थापना की जिसने शुरू में उत्तर भारतीयों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। लेकिन 2009 के विधानसभा चुनाव में 13 सीटें जीतने के बाद मनसे सिमटती चली गई। 2024 के विधानसभा चुनाव में उसका खाता भी नहीं खुला।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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