Eknath Shinde: उद्धव के मातोश्री में बड़ी फूट! बालासाहेब के पर्सनल स्टाफ ने थामा शिंदे गुट का दामन

Eknath Shinde News: शिवसेना में फूट रूकने का नाम नहीं ले रही है। उद्धव ठाकरे को एक और झटका लगा है और मातोश्री का स्टाफ भी बागी शिंदे गुट में शामिल हो गया है। ये स्टाफ बालासाहेब ठाकरे के समय का है।

एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे

मुख्य बातें
  • बालासाहेब ठाकरे के पर्सनल स्टाफ चंपा सिंह थापा बागी एकनाथ शिंदे गुट में हुए शामिल
  • बालासाहेब के टेलिफोन ऑपरेटर मोरेश्वर राजे भी शिंदे गुट में आ गए
  • इससे पहले कई बड़े नेता हो चुके हैं शिंदे गुट में शामिल
Shivsena News: शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े को एक और झटका देते हुए दिवंगत बाल ठाकरे के पूर्व निजी सहायक (पीए) चंपा सिंह थापा शिंदे कैंप में शामिल हो गए है हैं। गौर करने वाली बात ये है कि 1970 से लेकर बालसाहेब ठाकरे (Bala Saheb Thackeray) की मृत्यु तक उनके साथ रहे। दिवंगत बाल ठाकरे के एक अन्य विश्वस्त सहयोगी मोरेश्वर राजे भी शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। चंपा सिंह थापा मूलत: नेपाल के हैं। वर्षों पहले जब नेपाल शिवसेना (Shiv Sena) की स्थापना की गई थी, तो थापा उसका मुख्य संरक्षक भी बनाया गया था।
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35 साल तक ठाकरे के साथ रहे राजे

मोरेश्वर राजे बाल ठाकरे के लिए 'मातोश्री' में फोन कॉल अटेंड करते थे और उन्होंने ठाकरे के आवास में कम से कम 35 साल बिताए थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने थापा और राजे को शॉल भेंट कर स्वागत किया। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उन्होंने कहा, 'नवरात्र के इस शुभ अवसर पर, हर कोई खुश है कि (महामारी संबंधी) त्योहारों पर प्रतिबंध हटा दिया गया है। भारी उत्साह है जो समय की जरूरत है।'
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शिंदे ने कही ये बात

शिंदे ने कहा कि थापा और राजे ने उनके गुट में शामिल होने का फैसला किया क्योंकि वह 'असली' शिवसेना का प्रतिनिधित्व करते हैं और सेना के संस्थापक और हिंदुत्व (Hindutva) की शिक्षाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, 'बालासाहेब सीधी-सादी बातें करते थे और तीखे हमले भी करते थे। लोग बालासाहेब को अच्छी तरह से जानते थे और इसलिए उन्होंने महा विकास अघाड़ी के तहत कांग्रेस और राकांपा के साथ शिवसेना के गठबंधन को स्वीकार नहीं किया।'
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