उद्धव का हाल 'कभी खुशी कभी गम' जैसा! एक तरफ करीबी के छोड़ कर जाने का दुख तो दूसरी ओर शिंदे गुट में असंतोष से खुशी

शरद पवार के भतीजे और एनसीपी नेता अजित पवार हाल ही में अपने चाचा से बगावत करके भाजपा के साथ जा चुके हैं। अजित पवार के इस कदम के बाद से शिंदे गुट के विधायाक नाराज बता जा रहे हैं।

महाराष्ट्र की सियासत में जारी के पाला बदलने का खेल

महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में पाला बदलने का खेल जारी है। पाला बदलने के इस खेल में उद्धव ठाकरे ( Uddhav Thackeray) का हाल कभी खुशी कभी गम जैसा है। एक तरफ उनके करीबी नेता एक के बाद एक छोड़कर शिंदे गुट के जा रहे हैं, तो दूसरी ओर अजित पवार के एनडीए में साथ जाने के बाद से शिंदे खेमा भी नाराज बताया जा रहा है। अब उद्धव ठाकरे शिंदे गुट में टूट की आशंका से खुश होंगे या फिर अपने साथियों के धोखे से दुखी ये तो कहा नहीं जा सकता है, लेकिन इस समय महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव का हाल कुछ ऐसा ही है।

नीलम गोरे ने छोड़ा साथ

शिवसेना (यूबीटी) नेता नीलम गोरे ने शुक्रवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ दी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गईं।उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी कहे जाने वाले गोरे मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस की मौजूदगी में शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गईं। गोरे महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष हैं। उद्धव गुट से उनका दलबदल वरिष्ठ शिव सेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के उस दावे के एक दिन बाद हुआ है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि प्रतिद्वंद्वी शिंदे सेना के कई विधायक राकांपा नेता अजीत पवार के राज्य सरकार में शामिल होने के बाद से उनकी पार्टी के संपर्क में हैं।

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