'सिर्फ डिग्री नहीं है एजुकेशन', बापू का जिक्र कर बोले J&K के LG मनोज सिन्हा- सत्य से बड़ा कुछ नहीं

मनोज सिन्हा ने यह टिप्पणी मध्य प्रदेश के एक कार्यक्रम के दौरान की थी। उनके बयान से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर गुरुवार शाम को सामने आया, जिसमें वह कहते नजर आए कि बापू जीवन भर सत्य से बंधे रहे और इसी के सहारे वह राष्ट्रपिता बन गए।

जम्मू और कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पास कोई लॉ की डिग्री नहीं थी, बल्कि उनके पास शैक्षणिक योग्यता डिप्लोमा की थी। लेकिन बापू ने जीवन-भर सच्चाई के सहारे जो कुछ हासिल किया, उसने उन्हें राष्ट्रपिता बना दिया। गुरुवार (23 मार्च, 2023) को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुए एक कार्यक्रम के दौरान ये बातें कहते हुए उन्होंने यह भी बताया कि हो सकता है मंच पर ही कुछ लोग उनकी बात का प्रतिकार करें, मगर यही सच है। डिग्री सिर्फ एजुकेशन नहीं है। वह जीवन भर सत्य से बंधे रहे थे।

बकौल सिन्हा, "मुझे लगता है कि गांधी ने बड़े-बड़े काम किए। अभी ये सब बताया गया, मैं दोहराना नहीं चाहता...देश को आजादी मिली और क्या-क्या किया उन्होंने लेकिन गांधी जी ने। सब कुछ जो हासिल हुआ, उसके केंद्र बिंदु में एक ही बात थी और वह थी सत्य और जीवन भर सत्य के साथ बंधे रहे। सत्य के अधीन ही उन्होंने काम किया।"

कार्यक्रम में वह आगे बोले- बापू के जीवन के हर पहलू को जांचिए आप...यही था उनके जीवन में और कुछ नहीं। जितनी चुनौतियां आईं...जितनी परीक्षाएं आएं...उन्होंने सत्य को कभी नहीं त्यागा और उन्होंने अंतरध्वनि को पहचाना। परिणामस्वरूप वह राष्ट्रपिता हो गए।

गांधी जी की शैक्षणिक योग्यता का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे बताया, "मैं एक और चीज आप सब से कहना चाहता हूं। शायद कम लोगों को मालूम है। देश के पढ़े-लिखे लोगों को यह भ्रांति है कि गांधी जी के पास लॉ की डिग्री थी। उनके पास कोई डिग्री नहीं थी। मैं अभी बताऊंगा तो मंच पर कई लोग प्रतिकार करेंगे, पर मैं तथ्यों के साथ आगे बात करूंगा।"

मनोज सिन्हा ने कहा कि गांधी जी के पास विश्वविद्यालय की डिग्री नहीं थी। हम में से बहुत सारे लोग सोचते हैं कि उनके पास लॉ की डिग्री थी, मगर उनकी शैक्षणिक योग्यता डिप्लोमा की थी। वह लॉ प्रैक्टिस करने के लिए क्वालिफाई हुए पर उनके पास लॉ की डिग्री नहीं थी।

जम्मू और कश्मीर के एलजी ने आगे बताया कि आप यह देखिए कि वह कितने पढ़े-लिखे थे और राष्ट्रपिता बन गए। मैं यह भी साफ कर दूं कि केवल डिग्री एजुकेशन नहीं है।

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मकरंद काले author

सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ।\nततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि\n\nसाल 2008 में by chance journalist बना। 2013 से by choice journalist ह...और देखें

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