PK की 'पदयात्रा': गांधी जयंती के साथ आगाज, पर क्या सियासत में नए सिरे से एंट्री का प्रयास?

चुनावी रणनीतिकार पीके यात्रा के दौरान हर पंचायत और प्रखंड तक पहुंचने का प्रयास करेंगे और बिना कोई छुट्टी लिए इसके खत्म होने तक इसका हिस्सा रहेंगे। वह अपनी यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण के भितिहारवा में गांधी आश्रम से करेंगे, जहां बापू ने 1917 में अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।

प्रशांत किशोर जाने-माने चुनावी रणनीतिकार हैं।

राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) गांधी जयंती ( Gandhi Jayanti) के साथ अपने जन सुराज (Jan Swaraj) अभियान का आगाज करने जा रहे हैं। रविवार (दो अक्टूबर, 2022) को वह पश्चिम चंपारण जिले से बिहार (Bihar) में 3500 किलोमीटर की ‘‘पदयात्रा’’ शुरू करेंगे।

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माना जा रहा है कि किशोर की यह यात्रा 12-18 महीनों तक चल सकती है। सियासी गलियारों में इसके बाद उनके व्यापक रूप से राजनीति के क्षेत्र में नए सिरे से कदम रखने की संभावना है।

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हालांकि, किशोर ने अक्सर इस बात पर जोर दिया है कि ऐसा कोई भी निर्णय केवल वे लोग ही ले सकते हैं जो खुद को उनके साथ अभियान में जोड़ते हैं। किशोर साल 2018 में जनता दल युनाईटेड (JDU) में शामिल हुए थे, पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सार्वजनिक आलोचना करने पर साल 2020 में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

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