महाराष्ट्र की माहिम सीट पर 3 'सेनाओं' के बीच मुकाबला, कितना टक्कर दे पाएंगे राज ठाकरे के बेटे अमित

Maharashtra Assembly Election 2024: माहिम निर्वाचन क्षेत्र प्रभादेवी से शिवाजी पार्क और माहिम तक फैला हुआ है। इस क्षेत्र में मराठी वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। इलाके में अल्पसंख्यक वोट भी हैं। बीते विधानसभा चुनावों की अगर बात करें तो इस सीट पर शिवसेना का दबदबा रहा है। 2014 और 2019 के चुनाव में इस सीट से अविभाजित शिवसेना के सदा सरवांकर विजयी हुए।

माहिम सीट से एमएनएस के उम्मीदवार हैं अमित ठाकरे।

मुख्य बातें
  • महाराष्ट्र की 288 सीटों के लिए 20 नवंबर को होगा मतदान
  • चुनाव नतीजे 23 नवंबर को आएंगे, हॉट सीट है मुंबई की माहिम
  • इस सीट पर तीन 'सेनाओं' के उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अपनी रंगत में आ चुका है। नेता अपनी-अपनी सीटों से नामांकन दाखिल कर रहे हैं। राज्य में कई सीटें ऐसी हैं जहां दिग्गज अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। इन हाई प्रोफाइल सीटों पर काफी रोचक और कांटे की टक्कर होने की उम्मीद जताई जा रही है। इन्हीं हॉट सीटों में मध्य मुंबई की माहिम सीट भी है। इस सीट पर तीन 'सेनाओं' के धुरंधर चुनाव मैदान में हैं। खास बात यह है कि इस सीट से ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के सुप्रीमो राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे अपनी चुनावी पारी का आगाज कर रहे हैं।

सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद

माहिम सीट पर अमित का मुकाबला एकनाथ शिंदे की गुट वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवारों से है। इसे देखते हुए इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है। बात केवल चुनाव लड़ाई की नहीं बल्कि ठाकरे परिवार के बीच प्रतिष्ठा की भी है। माहिम सीट शिवसेना का गढ़ है और इसी इलाके में शिवाजी पार्क भी है। इसी पार्क में 58 साल पहले एक पार्टी के रूप में शिवसेना का जन्म हुआ। राज, उद्धव और सीएम एकनाथ शिंदे से यह सीट भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई है।

माहिम में मराठी वोटर सबसे ज्यादा

माहिम निर्वाचन क्षेत्र प्रभादेवी से शिवाजी पार्क और माहिम तक फैला हुआ है। इस क्षेत्र में मराठी वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। इलाके में अल्पसंख्यक वोट भी हैं। बीते विधानसभा चुनावों की अगर बात करें तो इस सीट पर शिवसेना का दबदबा रहा है। 2014 और 2019 के चुनाव में इस सीट से अविभाजित शिवसेना के सदा सरवांकर विजयी हुए। खास बात यह है कि 2009 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर एमएनएस विजयी हुई। इस चुनाव में राज ठाकरे को लोगों की सहानुभूति का लाभ मिला।

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