पैसे लेकर पूछा सवाल... पहले छिनी सांसदी, अब सरकारी बंगला; हाईकोर्ट के चौखट पर महुआ मोइत्रा
Mahua Moitra News: निष्कासित लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा को एक बार फिर झटका लगा है। उन्हें सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला, तो उन्होंने इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। बेदखली नोटिस के खिलाफ मोइत्रा की याचिका पर न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया जल्द ही सुनवाई कर सकते हैं।
फिर मुश्किल में महुआ मोइत्रा।
Mahua Moitra Moves High Court: महुआ मोइत्रा की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। लोकसभा की सदस्यता छिनने के बाद उन्हें एक और झटका लगा है। उन्हें सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला तो मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाल ही में टीएमसी सांसद महुआ को कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था।
हाईकोर्ट की चौखट पर पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा
लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने उन्हें आवंटित सरकारी बंगले को खाली करने के लिए संपदा निदेशालय के नोटिस को चुनौती देते हुए बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित किए जाने के बाद मोइत्रा को आवंटित सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है। यह बंगाल उन्हें बतौर सांसद आवंटित किया गया था।
न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया जल्द कर सकते हैं सुनवाई
बेदखली नोटिस के खिलाफ मोइत्रा की याचिका पर न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया शीघ्र ही सुनवाई कर सकते हैं। तृणमूल कांग्रेस नेता को तुरंत बंगला खाली करने का नोटिस मंगलवार को जारी किया गया था। पिछले साल आठ दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित किए जाने के बाद उनके सरकारी बंगले का आवंटन रद्द कर दिया गया और सात जनवरी तक उन्हें घर खाली करने के लिए कहा गया था।
रद्द हो गई थी महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता
मोइत्रा को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर उपहार लेने और उनके साथ संसद की वेबसाइट की ‘यूजर आईडी और पासवर्ड’ साझा करने के आरोप में पिछले साल आठ दिसंबर को ‘अनैतिक आचरण’ का दोषी ठहराया गया था और लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। बीते वर्ष दिसंबर माह में संसद की एथिक्स कमेटी ने संसद के शीतकालीन सत्र में एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश की, जिसके बाद महुआ की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। आचार समिति ने मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की थी। समिति ने बीते 9 नवंबर, 2023 को एक बैठक में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट स्वीकारी थी।
क्या है 'पैसे लेकर सवाल पूछने' का पूरा मामला?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक शिकायत भेजी थी। अपनी शिकायत में दुबे ने मोइत्रा पर अडाणी समूह एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर सदन में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया। इस मामले में आचार समिति की बैठक सबसे पहले 26 अक्टूबर को हुई थी। समिति ने निशिकांत दुबे और देहाद्रई का पक्ष जाना था। इसके बाद 2 नवंबर को महुआ मोइत्रा समिति के समक्ष उपस्थित हुई थीं। समिति ने आरोपों से जुड़े सवाल मोइत्रा से पूछे। पूछताछ के बाद मोइत्रा ने कहा कि उनसे व्यक्तिगत और परेशान करने वाले सवाल पूछे गए।
सांसद के खिलाफ इस तरह की पहली कार्रवाई
इसके बाद लोकसभा की आचार समिति ने महुआ के निष्कासन की सिफारिश की और उसे निष्कासित किया गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता में समिति ने यहां बैठक की और अपनी 479 पन्नों की रिपोर्ट को अपनाया, जिसमें महुआ के निष्कासन की सिफारिश की गई थी। यह संभवतः समिति द्वारा किसी सांसद के खिलाफ इस तरह की पहली कार्रवाई थी।
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आयुष सिन्हा author
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो...और देखें
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