लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ महुआ मोइत्रा ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख, फैसले को बताया मनमाना

Mahua Moitra: शुक्रवार को सदन में नैतिकता पैनल की रिपोर्ट स्‍वीकार किए जाने के बाद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद महुआ ने अदालत का रुख किया है।

महुआ मोइत्रा ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख

Mahua Moitra: तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने लोकसभा से अपने निष्कासन को चुनौती देते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में मोइत्रा ने अपने निष्कासन के फैसले को अनुचित, अन्यायपूर्ण और मनमाना बताया। पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर संसदीय क्षेत्र से सांसद मोइत्रा को 8 दिसंबर को संसद के निचले सदन से निष्कासित कर दिया गया था। उनके खिलाफ कार्रवाई 'संसदीय प्रश्नों के लिए नकद' आरोप पर आचार समिति की जांच के बाद की गई थी।

लोकसभा से निष्कासित

संसदीय प्रश्नों के लिए नकद के कथित आरोप में मोइत्रा के निष्कासन की घोषणा करते हुए, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह सदन समिति के निष्कर्षों को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था, उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है। शुक्रवार को सदन में नैतिकता पैनल की रिपोर्ट स्‍वीकार किए जाने के बाद उन्हें लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया।

संसदीय लॉगिन साझा करने का आरोप

लोकसभा की आचार समिति ने दुबई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के साथ अपने संसदीय लॉगिन साझा करने का दोषी पाए जाने के बाद मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की थी। अपने निष्कासन के तुरंत बाद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि नैतिकता पैनल के पास उन्हें निष्कासित करने की शक्ति नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि व्यवसायी से नकदी स्वीकार करने का कोई सबूत नहीं है, जो कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और उनके पूर्व साथी जय अनंत देहाद्राई द्वारा लगाया गया मुख्य आरोप था। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें हीरानंदानी और देहाद्राई से जिरह करने की अनुमति नहीं दी गई। (आईएएनएस इनपुट)

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