चिराग पासवान की बड़ी भविष्यवाणी- 15 जनवरी के बाद नीतीश कुमार की पार्टी JDU में होगा बड़ा विभाजन

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) यानी जदयू में खरमास (15 जनवरी) के तुरंत बाद बड़ा विभाजन होगा।

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चिराग पासवान ने दावा किया कि जदूय 15 जनवरी के बाद टूट जाएगी (तस्वीर-फेसबुक)

जमुई के सांसद और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने दावा किया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) यानी जदयू में आने वाले महीनों में एक बड़ा विभाजन होगा। एएनआई से बात करते हुए चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि एक दिन ऐसा आएगा जब जेडीयू का नाम लेने वाला कोई नहीं बचेगा। चिराग ने कहा कि खरमास (15 जनवरी) के तुरंत बाद जनता दल यूनाइटेड में एक बड़ा विभाजन होगा। नीतीश ने अपनी पार्टी में कोई दूसरा लीडरशिप तैयार नहीं किया। वैसे भी वह इन दिनों किसी और की तलाश में हैं। वह दूसरे पार्टी के नेता (तेजस्वी यादव) को बढ़ावा देने में व्यस्त हैं। वह कहते हैं कि मेरे बाद वह उत्तराधिकारी हैं। जेडीयू का नाम लेने वाला कोई नहीं बचेगा।

चिराग ने बिहार के मुख्यमंत्री की 'भीम संसद', उनकी पार्टी जनता दल-यूनाइटेड (जेडी-यू) द्वारा आयोजित अनुसूचित जाति (SC) समुदायों की एक सभा को 'वोट बैंक की राजनीति' करार देते हुए कहा कि नीतीश कुमार की सोच दलित विरोधी है। हाल ही में बिहार विधानसभा में दलित समुदाय के नेता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खिलाफ जिस भाषा का इस्तेमाल किया। इन सबसे पता चलता है कि उनकी सोच क्या है। आज भी बिहार में अनुसूचित जाति अपने अधिकारों से वंचित है और इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं।

गौर हो कि 9 अक्टूबर को नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में अपना आपा खो दिया और मांझी द्वारा सरकार के जाति सर्वे पर संदेह जताने के बाद उन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह मेरी 'मूर्खता' थी जिसने उन्हें मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री की सीट पर बैठाया। उन्होंने कहा कि वह कहते रहते हैं कि वह भी एक मुख्यमंत्री थे। वह मेरी मूर्खता के परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री बने। क्या उन्हें कोई समझ है? (ये बोलता है कि हम मुख्यमंत्री थे। मेरी मूर्खता की वजह से मुख्यमंत्री बना। इसको कोई समझ है), नीतीश कुमार चिल्लाए, जिससे सदन में हंगामा मच गया।

जीतन राम मांझी जो अब केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी हैं। पहले जनता दल (यूनाइटेड) के साथ थे और लोकसभा चुनाव 2014 में अपनी पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश के पद छोड़ने के बाद उन्हें बिहार का 23वां मुख्यमंत्री बनाया गया था। मांझी 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक मुख्यमंत्री रहे। अपनी पार्टी जनता दल-यूनाइटेड (जेडी-यू) द्वारा आयोजित अनुसूचित जाति (SC) समुदायों की विशाल भीम संसद सभा से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि दिल्ली में बीजेपी के सीनियर नेताओं को इस आयोजन से सबक लेना चाहिए।

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बिहार सरकार की लगातार मांग केंद्र सरकार पर दबाव बना रही है, ऐसे में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार से सवाल किया कि उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया जब उनकी पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ दल बीजेपी के साथ गठबंधन में थी। 2017-22 के दौरान जब वह बीजेपी के सहयोगी थे तो उन्होंने यह मांग सामने क्यों नहीं रखी? यह उनके और राज्य के लिए एक सुनहरा मौका था। अब जब चुनाव नजदीक हैं तो वह अपनी मांग रख रहे हैंय़ हम मूर्ख नहीं हैं। पासवान ने कहा कि बिहार की जनता उनके हर हथकंडे को समझती है। गौरतलब है कि अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए से नाता तोड़ लिया और 'महागठबंधन' सरकार बनाने के लिए राजद से हाथ मिला लिया।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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