मालेगांव ब्लास्ट केस में पलटते गवाहों का सनसनीखेज खुलासा, 'भगवा टेरर' की थ्योरी पर उठे सवाल
Malegaon Blast case: मालेगांव ब्लास्ट केस में ही कर्नल पुरोहित और बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा आरोपी हैं, अब सोचिए कि उस दौर में यूपीए सरकार में जांच एजेंसियों ने किस तरह से दबाव बनाकर गवाहों के बयान लिए थे। मालेगांव केस में अपने बयान से पलटने वाले नितिन जोशी 34वें गवाह हैं और वो अकेले नहीं हैं। पिछले कुछ दिनों में 3 और गवाह अपने बयान से पलट चुके हैं।
- महाराष्ट्र ATS ने बंदूक की नोक पर उनसे बयान दर्ज करवाया था।
- नितिन जोशी मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी कर्नल पुरोहित को जानता था
- नितिन जोशी ने कहा कि ATS ने अवैध रूप से हिरासत में लेकर टॉर्चर किया था
- इसी दबाव और टॉर्चर की वजह से नितिन जोशी ने बयान दिया था
- ATS को दिया बयान नितिन जोशी ने मजिस्ट्रेट के सामने भी दिया था
- कोर्ट में नितिन जोशी ने बयान से पलटते हुए बताया कि दबाव बनाकर बयान लिए गए थे
मालेगांव ब्लास्ट केस में ही कर्नल पुरोहित और बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा आरोपी हैं, अब सोचिए कि उस दौर में यूपीए सरकार में जांच एजेंसियों ने किस तरह से दबाव बनाकर गवाहों के बयान लिए थे। मालेगांव केस में अपने बयान से पलटने वाले नितिन जोशी 34वें गवाह हैं और वो अकेले नहीं हैं। पिछले कुछ दिनों में 3 और गवाह अपने बयान से पलट चुके हैं।
- 3 अप्रैल को एक गवाह ने आरोपी सुधाकर द्विवेदी के खिलाफ अपना बयान बदल दिया
- NIA कोर्ट में गवाह ने कहा कि उसने अपनी इच्छा से महाराष्ट्र पुलिस और ATS को बयान नहीं दिया था।
- मालेगांव केस में अपना बयान बदलने वाला ये 33वां गवाह था
- 31 मार्च को एक गवाह महाराष्ट्र ATS को दिए अपने बयान से पलट गया था
- ATS को दिए बयान में कहा था कि उसने आरोपियों के लिए कमरे बुक किए थे
- इसी तरह से 30 मार्च को एक और गवाह ने कोर्ट में अपना बयान बदल दिया था
- गवाह ने कहा कि महाराष्ट्र ATS ने उस से लिखित बयान पर साइन करने को कहा था
- गवाह ने बताया कि उसे 20 दिन तक बंधक बनाकर टॉर्चर किया गया था।
- मालेगांव केस में अपना बयान बदलने वाला ये 31वां गवाह था
- दिसंबर 2021 में एक गवाह ने NIA कोर्ट को ये जानकारी दी थी
- गवाह ने कहा कि BJP-RSS नेताओं का नाम लेने की धमकी दी गई
- योगी आदित्यनाथ का नाम लेने का दबाव बनाया गया
- संघ के 3 नेताओं का नाम लेने की धमकी दी गई
- बयान लेने के लिए ATS ने गवाह को टॉर्चर किया
- गवाह को अवैध तरीके से बंधक बनाया गया था
किस तरह से इस घटना के सहारे हिंदू आतंक और भगवा टेरर का नैरेटिव सेट करने की कोशिश की गई थी। उसे ऐसे समझिए
- मालेगांव महाराष्ट्र के नासिक जिले में आता है और मुंबई से 200 किलोमीटर दूर है
- इसी मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक जोरदार धमाका हुआ था
- धमाका एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के सामने अंजुमन चौक और भीकू चौक के बीच हुआ था
- एक मोटरसाइकिल में IED के जरिए ब्लास्ट किया गया था
- ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई थी और 101 लोग घायल हो गए थे।
धमाकों के बाद इस मामले की जांच ऐसे आगे बढ़ी
- 30 सितंबर 008 को मालेगांव के आजादनगर पुलिस थाने में केस दर्ज हुआ था।
- 18 अक्टूबर 2008 को आजादनगर पुलिस ने केस में UAPA एक्ट लगाया
- 21 अक्टूबर 2008 को महाराष्ट्र ATS<एंटी टेररिस्ट स्क्वाड> ने जांच शुरू की
- ATS ने इस केस में MCOCA<महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट> लगाया ।
- जनवरी 2009 में महाराष्ट्र ATS ने पहली चार्जशीट दाखिल की थी।
- जिस में 11 आरोपियों को गिरफ्तार और 3 आरोपियों को वॉन्टेड बताया था
- अप्रैल 2011 में मालेगांव केस की जांच NIA को सौंपी गई।
- NIA ने मई 2016 में अपनी चार्जशीट में बताया कि 6 आरोपियों के खिलाप सबूत नहीं मिले
- इनमें साध्वी प्रज्ञा, शिव नारायण, श्याम भंवर लाल साहू, प्रवीण तकलकी, लोकेश शर्मा और धनसिंह चौधरी शामिल हैं
- NIA ने ये भी कहा कि इस मामले में MCOCA नहीं लग सकता है।
इसी के बाद साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को जमानत मिली थी। फिलहाल इस मामले की जांच अभी भी जारी है। और जो गवाह पलट रहे हैं उनके बयान ATS और महाराष्ट्र पुलिस ने दर्ज किए थे। मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा और सेना के कर्नल पुरोहित का नाम सामने आया था तो लोग हैरान रह गए थे। प्रसाद श्रीकांत पुरोहित सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल थे और साध्वी प्रज्ञा संघ और बीजेपी से जुड़ी हुई थीं। इन दोनों की वजह से ये हाई प्रोफाइल केस बन गया था।
- मालेगांव ब्लास्ट केस में अक्टूबर 2008 को साध्वी प्रज्ञा को गिरफ्तार किया गया
- आरोप है कि मालेगांव में ब्लास्ट साइट पर मिली बाइक साध्वी प्रज्ञा के नाम पर थी
- इसी आधार पर साध्वी प्रज्ञा को महाराष्ट्र ATS ने गिरफ्तार किया था
- इसके बाद नवंबर 2008 में ATS ने लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को गिरफ्तार किया था।
- कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट केस में मुख्य आरोपी बनाया गया था।
- कर्नल पुरोहित पर आरोप था कि उन्होंने धमाके के लिए RDX का इंतजाम किया था।
इस मामले में जांच के बाद NIA ने कहा था कि साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। जबकि कर्नल पुरोहित की जांच अभी तक चल रही है। कर्नल पुरोहित के विस्फोटक का इंतजाम करने के जो आरोप लगे थे उन पर 2016 में NIA ने अपनी चार्जशीट में जो कहा है वो आपको जानना चाहिए।
- NIA ने आरोप लगाया कि कर्नल पुरोहित को फंसाने के लिए महाराष्ट्र ATS ने RDX प्लांट किया था।
- NIA के मुताबिक हेमंत करकरे के नेतृत्व में ATS ने पुरोहित के खिलाफ सबूत प्लांट किए थे
- NIA के मुताबिक ATS के सब इंस्पेक्टर ने नासिक के देवलाली में सुधाकर चतुर्वेदी के घर पर RDX के निशान छोड़े थे
- सुधाकर चतुर्वेदी मालेगांव केस में आरोपी हैं और वो सेना में काम कर चुके हैं।
NIA ने सेना के एक मेजर और सूबेदार की गवाही का हवाला देते हुए बताया किATS अधिकारी शेखर बागड़े RDX का सबूत रखने के लिए सुधाकर चतुर्वेदी के घर में घुसे थे, उसके बाद ATS अधिकारी ने मेजर और सूबेदार से कहा था कि वो इसके बारे में किसी को ना बताएं। इसके दो दिन बाद ATS की टीम ने सुधाकर चतुर्वेदी के घर पर छापा मार कर RDX के निशान बरामद किए थे। इस पर NIA कोर्ट ने भी कहा था कि RDX की बरामदगी अपने आप में संदिग्ध है। NIA ने कर्नल पुरोहित के खिलाफ ये आरोप भी खारिज कर दिया कि जम्मू कश्मीर में बरामद किए गए RDX के हिस्से को पुरोहित ने अपने पास रखा था। NIA के मुताबिक सेना से पूछताछ के बाद पता चला कि पुरोहित के रहते हुए जब्त किए गए 70 किलो RDX का पूरा हिसाब है।
2008 में मालेगांव ब्लास्ट के बाद भगवा आतंक और हिंदू टेरर को लेकर कांग्रेस नेताओं में बयान देने की होड़ लग गई थी। 25 अगस्त 2010 को तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा था कि ''मैं आपको सावधान करना चाहता हूं कि भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिशों में कोई कमी नहीं है। भारत में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के प्रयासों में कोई कमी नहीं आयी है। इसके अलावा हाल में भगवा आतंकवाद सामने आया है जो अतीत में कई बम विस्फोटों में पाया गया है।''
बीजेपी ने राहुल गांधी पर भी हिंदू आतंकवाद का नैरेटिव गढ़ने का आरोप लगाया था। बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि साल 2010 में अमेरिका के राजदूत टिमोथी रोमर ने राहुल से लश्कर-ए-तैयबा के बारे में पूछा था। तब राहुल ने कहा कि आप लश्कर को भूल जाइए, भारत को हिंदू आतंकवाद से ज्यादा खतरा है। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह न जाने कितनी बार हिंदू आतंकवाद और भगवा टेरर को लेकर बोल चुके हैं। जून 2018 में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि "जितने भी हिंदू धर्म वाले आतंकवादी पकड़े गए हैं सब संघ के कार्यकर्ता रहे हैं, महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे भी संघ में रहा था"
इसके अलावा यूपीए सरकार के दौरान 2013 में केंद्रीय गृहमंत्री रहे सुशील कुमार शिंदे ने बीजेपी और संघ पर आरोप लगाते हुए कहा था कि संघ के कैंप में हिंदू आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जाती है। आपको सुनाता हूं 2013 में सुशील कुमार शिंदे ने क्या कहा था। तो इस तरह से पूरी कोशिश की गई कि हिंदू आतंकवाद की थ्योरी को आगे बढ़ाया जाए, ये बताया जाए कि संघ के कैंपों में बम बनाने और आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जाती है। इसे हिंदूफोबिया भी कह सकते हैं, जिसका असर विदेश में भी हो रहा है। विदेश में भी हिंदुओं को हिंदूफोबिया की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आपको ब्रिटेन का हाल बताता हूं।
- लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स में लॉ स्टूडेंट करन कटारिया को हिंदूफोबिया झेलना पड़ा है।
- करन कटारिया ने कहा कि हिंदू होने की वजह से उसे स्टूडेंट यूनियन का चुनाव नहीं लड़ने दिया गया
- करन ने कहा कि वो हिंदूफोबिया की वजह से उनको टारगेट किया जा रहा है
- करन का समर्थन करने वाले भारतीय छात्रों को भी टारगेट किया जा रहा है
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