कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने तोड़ी परंपरा, बिना अपॉइंटमेंट के कार्यकर्ताओं से की मुलाकात

मल्लिकार्जुन खड़गे हाल ही में कांग्रेस के अध्यक्ष बने हैं। उन्होंने सोनिया गांधी की जगह ली है। 24 सालों बाद कांग्रेस को गांधी परिवार के बाहर से अध्यक्ष मिला है। इस चुनाव में खड़गे ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को हराया था। अध्यक्ष बनने के बाद से खड़गे पुरानी परंपरा को तोड़ते दिख रहे हैं।

mallikarjun kharge

कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने बदले नियम

कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार मल्लिकार्जुन खड़गे का सोमवार को जनता दरबार कांग्रेस मुख्यालय में लगा। पहली बार खड़गे नेताओं और कार्यकर्ताओं से सुबह 11 बजे से दिन के 1.30 बजे तक मुलाकात की। पिछले कुछ सालों से देश भर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी शिकायत ये रहती थी कि कांग्रेस के बड़े नेता आम लोगों से दूर रहते हैं। अध्यक्ष बनने के बाद से ही इस बात की अटकलें लगाई जा रही थी कि क्या मलिकार्जुन खड़गे भी अपने पूर्व के गांधी परिवार के अध्यक्षों की तरह आम कार्यकर्ता से दूरी बनाकर रखेंगे या फिर वो पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए कार्यकर्ताओं से मिलेंगे?
नहीं पहुंचे थे बड़े नेता
पिछले दो दशकों में मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में कांग्रेस को पहला गैर गांधी अध्यक्ष मिला है। कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष का कमरा सालों साल बंद रहता था। सिर्फ 15 अगस्त या साल में एक दो बार कुछ मिनटों के लिए कमरा खुलता था, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद से ही इस बात का इंतजार किया जा रहा था कि खड़गे शायद इस परंपरा को तोड़ें। आज जब खड़गे पहली बार कार्यकर्ताओं से मिलने एआईसीसी पहुंचे तो उनके स्वागत के लिए सिर्फ दो राज्य के प्रभारी मौजूद थे। राजीव शुक्ला और भक्त चरण दास ने कांग्रेस मुख्यालय में खड़गे का स्वागत किया। ज्यादातर बड़े नेता गुजरात चुनाव का हवाला देकर खड़गे से मिलने नहीं आए। यहां तक कि दिल्ली कांग्रेस का भी कोई बड़ा नेता खड़गे की स्वागत के लिए एआईसीसी में मौजूद नही था।
अब होगा सीधा संवाद
मलिकार्जुन खड़गे के करीबी लोगों ने बताया कि अध्यक्ष हर पंद्रह दिन में एक दिन आम कार्यकर्ता और नेताओं से मिलने के लिए एआईसीसी में बैठेंगे। इस दौरान वो बड़े नेताओं की बजाय आम लोगों से सीधा संवाद करेंगे। हालांकि पार्टी पुराने अध्यक्षों का बचाव करते हुए कह रही है कि कोविड काल से पहले राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी आम कार्यकर्ताओं से मिलते थे। साथ ही गांधी परिवार और खड़गे के सुरक्षा थ्रेट भी अलग-अलग है। इसी वजह से कई बार दूसरों को असुविधा न हो इसलिए गांधी परिवार के सदस्य कांग्रेस मुख्यालय में बैठने से परहेज करते थे।
छोटे नेताओं से मुलाकात
शुरुआत ही सही लेकिन खड़गे ने आज पिछले कुछ सालों की परंपरा को तोड़ा है। तकरीबन दो से ढाई घंटे वो छोटे नेताओं और कार्यकर्ताओ से मिले। हालांकि उनको लेकर बहुत ज्यादा उत्साह नहीं दिखा। फिर तकरीबन 50 से 100 लोगों से आज उन्होंने शिष्टाचार मुलाकात की है। उम्मीद है कि कांग्रेस के कार्यकर्ता जो सालों से इस शिकायत को लेकर घूम रहे थे वो अब खड़गे के कांग्रेस मुख्यालय में बैठने से अपनी बात शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचा पाएंगे।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

रंजीता झा author

13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited