'राज्यसभा में व्यवधान की सबसे बड़ी बाधा चेयरमैन खुद हैं', अविश्वास प्रस्ताव पर बोले कांग्रेस अध्यक्ष खरगे

No Confidence Motion : राज्यसभा में बुधवार को सभापति धनखड़ को पद से हटाने के प्रस्ताव संबंधी नोटिस और जार्ज सोरोस से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के संबंधों के आरोपों के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने भारी हंगामा किया, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस।

No Confidence Motion : राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को हटाए जाने के लिए इंडिया गठबंधन की ओर से लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर राजनीति गरम है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को उप राष्ट्रपति धनखड़ की आलोचना करते हुए कहा कि 'वह सरकार के सबसे बड़े प्रवक्ता हैं। राज्यसभा में व्यवधान की सबसे बड़ी बाधा चेयरमैन खुद हैं।' खरगे ने ये बातें चेयरमैन के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर कहीं।

1952 के बाद कोई प्रस्ताव नहीं आया-खरगे

राज्यसभा के चेयरमैन पद से धनखड़ को हटाने के लिए इंडिया ब्लॉक ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इसके बारे में पूछे जाने पर खरगे ने जोर देकर कहा कि साल 1952 के बाद से उप राष्ट्रपति को हटाने के लिए कोई भी प्रस्ताव पेश नहीं हुआ है क्योंकि उसके बाद से इस पद पर जितने भी लोग आसीन हुए उन लोगों ने 'पूर्वाग्रह और राजनीति' से ऊपर उठकर काम किया। उन लोगों ने सदन को नियम के अनुरूप चलाया।

'प्रस्ताव लाने पर हमें अफसोस है'

उन्होंने कहा, ‘हमको यह कहना पड़ता है कि आज नियम को छोड़कर राजनीति ज्यादा हो रही है। हमें अफसोस है कि संविधान को अंगीकार किए जाने के 75वें वर्ष में उपराष्ट्रपति के पक्षपातपूर्व आचरण के चलते हम यह प्रस्ताव लाने को मजबूर हुए हैं।’उन्होंने दावा किया कि धनखड़ विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को अपमानित करते हैं। खरगे ने कहा कि सभापति ‘हेडमास्टर’की तरह वरिष्ठ नेताओं को प्रवचन सुनाते हैं।

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