रूस-यूक्रेन युद्ध : थरूर ने की PM मोदी के रुख की तारीफ, BJP हुई गदगद, बोली- अपने सांसद से सीखें खरगे, राहुल
Shashi Tharoor : तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा कि उनकी आलोचना इस आधार पर थी कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन हुआ था, सीमाओं के अतिक्रमण से संबंधित सिद्धांत का उल्लंघन हुआ था, यूक्रेन नामक एक सदस्य राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन हुआ था और भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय विवादों को निपटाने के लिए बल के उपयोग के विरोधी रहा हैं।

कांग्रेस नेता थरूर ने पीएम मोदी की तारीफ की है।
Shashi Tharoor : रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत सरकार के रुख की सराहना करने वाले कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रशंसा कर रही है। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सामने आना चाहिए और थरूर के रुख की प्रशंसा करनी चाहिए। पात्रा ने कहा कि 'थरूर कूटनीति को अच्छी तरह से सम झते हैं। वह लंबे समय तक संयुक्त राष्ट्र में रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी के रुख की उन्होंने तारीफ की है। कांग्रेस के अन्य नेताओं को उनसे सीखना चाहिए क्योंकि वे हर समय पीएम के खिलाफ बोलते रहते हैं।' वहीं, भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 'कभी नहीं से देरी से तारीफ करना अच्छा होता है।'
स्थायी शांति के लिए भूमिका निभा सकता है भारत-थरूर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद भारत के रुख का विरोध करना उनके लिए शर्मिंदगी भरी बात साबित हुई है। साथ ही, उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अपनाई गई नीति के कारण देश अब उस स्थिति में है जहां वह स्थायी शांति के लिए भूमिका निभा सकता है। उनका यह भी कहना था कि भारत ने जो नीति अपनाई है, उसके तहत भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस के रूस व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की दोनों को गले लगा सकते हैं।
‘रायसीना डायलॉग’ में बोले थरूर
रूस ने जब फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था तो थरूर ने भारत के रुख की आलोचना की थी और मॉस्को के इस कदम की आक्रामकता की निंदा करने का आह्वान किया था।‘रायसीना डायलॉग’ में पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ‘मैं आज भी शर्मिंदगी को खत्म करने का प्रयास कर रहा हूं क्योंकि संसदीय चर्चा के दौरान मैंने फरवरी 2022 में भारत के रुख की आलोचना की थी।’ तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा कि उनकी आलोचना इस आधार पर थी कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन हुआ था, सीमाओं के अतिक्रमण से संबंधित सिद्धांत का उल्लंघन हुआ था, यूक्रेन नामक एक सदस्य राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन हुआ था और भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय विवादों को निपटाने के लिए बल के उपयोग के विरोधी रहा हैं।
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दोनों नेताओं को गले लगा सकते हैं पीएम
उन्होंने कहा, ‘उन सभी सिद्धांतों का उल्लंघन एक पक्ष द्वारा किया गया था और हमें इसकी निंदा करनी चाहिए थी। खैर, तीन साल बाद ऐसा लग रहा है कि मैं शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं क्योंकि इस नीति का मतलब है कि भारत में वास्तव में एक प्रधानमंत्री हैं जो यूक्रेन के राष्ट्रपति और मॉस्को रूस के राष्ट्रपति दोनों को दो सप्ताह के अंतराल पर गले लगा सकते हैं और दोनों स्थानों उनकी स्वीकार्यकता है।
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