हर मुद्दे में जाति घसीटना ठीक नहीं, खरगे बोले- क्या मैं कहूं कि दलित होने की वजह से मुझे संसद में बोलने नहीं दिया जाता

Mallikarjun Kharge: खरगे का यह बयान तब आया है जब राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नकल उतारे जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उच्च सदन में कहा कि संसद परिसर में उनकी नकल उतारकर किसान समाज और उनकी जाति (जाट) का अपमान किया गया है।

मल्लिकार्जुन खरगे

Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को कहा कि जाति को हर मुद्दे में नहीं घसीटा जाना चाहिए। उन्होंने साथ ही यह सवाल भी किया कि क्या उन्हें हर बार राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर यह कहना चाहिए कि दलित होने के कारण ऐसा हुआ है। खरगे का यह बयान तब आया है जब राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद परिसर में उनकी, तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद द्वारा नकल उतारे जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उच्च सदन में कहा कि संसद परिसर में उनकी नकल उतारकर किसान समाज और उनकी जाति (जाट) का अपमान किया गया है।

खरगे ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सभापति का काम दूसरे सदस्यों को संरक्षण देना है लेकिन वह खुद इस तरह का बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे अक्सर राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है। क्या मुझे यह कहना चाहिए कि मैं दलित हूं... इसलिए... उन्हें जाति के नाम पर बोल कर लोगों को नहीं भड़काना चाहिए। खरगे ने सवाल किया कि संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों सदनों में कुछ भी नहीं कहा लेकिन संसद के बाहर उन्होंने अपनी बात रखी तो क्या प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को माफी नहीं मांगनी चाहिए।

जाति का मुद्दा उठाकर पल्ला झाड़ रही सरकार

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह देश के लिए बहुत दुखद दिन है जब संवैधानिक पदों पर बैठे लोग अपनी जातियों के बारे में बात करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यह मुद्दा उठाकर संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने पूछा कि क्या अब हर किसी को अपनी जाति बताने वाला ठप्पा लगा कर घूमना चाहिए?

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