क्या ममता बनर्जी के फॉर्मूले को पचा पाएगी Congress,आम चुनाव में 227 को ही मिल पाएगा मौका
Mamata Banerjee Formula for seat sharing: पटना में विपक्षी दलों के नेताओं की जुटान पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि सिर्फ दूल्हे हैं बारातियों का पता नहीं। वहीं विपक्ष के नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार को हटाने का आगाज हो चुका है। इन सबके बीच आम चुनाव 2024 के मद्देनजर ममता बनर्जी ने सीट शेयरिंग के लिए कांग्रेस के सामने फॉर्मूला पेश किया है।
2019 में कांग्रेस को महज 52 सीटें हासिल हुई थीं।
Mamata Banerjee Formula for seat sharing: 2024 का आम चुनाव तीन मायनों में खास है। पहला, क्या नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) को एक बार फिर दिल्ली की गद्दी पर बैठने का मौका मिलेगा। दूसरा, क्या भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस(Congress MP in Genral elections 2019) में इतनी ताकत आ चुकी है कि दूसरे विपक्षी दल उसकी अगुवाई को स्वीकार करेंगे। तीसरा,अगर दोनों को मौका नहीं मिलता है तो केंद्र की गद्दी पर कोई और। अगर गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी दलों की बात करें तो दिल्ली में झंडा गाड़ने के लिए भारत राष्ट्र समिति के के चंद्रशेखर राव( K Chandrashekhar Rao) खुलकर अपने लिए कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सियासी तौर पर चर्चा में रहने वाले दो राज्यों बिहार के सीएम नीतीश कुमार(Nitish Kumar) और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) बहुत कुछ नहीं बोलकर अपने बारे में सस्पेंस बनाए हुए हैं। 23 जून को पटना में 15 विपक्षी दलों के जुटान से पहले ममता बनर्जी ने आम चुनाव 2024 के लिए खास फॉर्मूला दिया जो कांग्रेस के लिए अहम बताया जा रहा है। यहां पर हम पहले ममता बनर्जी के फॉर्मूले को बताएंगे और उसके बाद यह समझेंगे कि क्या कांग्रेस के लिए उस फॉर्मूले को मानना व्यवहारिक होगा।
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ममता बनर्जी का फॉर्मूला
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कांग्रेस के सामने खास फॉर्मूला रखा है। उनके मुताबिक कांग्रेस पूरे देश में जिन सीटों पर जीती है, उन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। इसके साथ उन सीटों पर जहां कांग्रेस उम्मीदवार, बीजेपी प्रत्याशियों के मुकाबले दूसरे नंबर पर रहे हैं वहां उन्हें मौका दिया जाए। इस हिसाब से कांग्रेस के खाते में 227 सीटें मिलती हैं। बता दें कि कांग्रेस 2019 के चुनाव में कांग्रेस को 52 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। अगर देश के सबसे बड़े सूबों में से एक यूपी की बात करें तो कांग्रेस को 80 में से महज 1 सीट रायबरेली से जीत हासिल हुई थी। अगर इस फॉर्मूले के हिसाब से देखें तो यूपी में कांग्रेस को महज तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। पश्चिम बंगाल की कुल 42 सीटों में कांग्रेस को महज 2 सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी। शेष सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस के उम्नीदवार दूसरे नंबर पर नहीं थे। लिहाजा पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटें ही मिल पाएंगी।
राज्य | कुल सीटें | दूसरे नंबर पर कांग्रेस(बीजेपी के मुकाबले) |
पश्चिम बंगाल | 42 | 0 |
मध्य प्रदेश | 28 | 28 |
गुजरात | 26 | 26 |
यूपी | 80 | 2 |
तेलंगाना | 17 | 0 |
बिहार | 40 | 2 |
हिमाचल | 4 | 4 |
असम | 14 | 8 |
महाराष्ट्र | 48 | 14 |
कर्नाटक | 28 | 20 |
छत्तीसगढ़ | 11 | 9 |
दिल्ली | 7 | 5 |
2019 में लोकसभी की 543 सीटों के लिए चुनाव कराए गए थे। कांग्रेस ने 421 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और महज 52 सीटों पर जीत हासिल हुई। 209 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे। 190 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर थी। अगर राज्यवार देखें तो मध्य प्रदेश में लोकसभा की कुल 28 सीटों में से सभी सीटों पर बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही। गुजरात की सभी 26 सीटों, महाराष्ट्र की 48 में से 14 सीट, कर्नाटक की 28 में से 20 सीट, छत्तीसगढ़ की 11 में से 9, असम की 14 में से 8, बिहार की 40 में से 2, तेलंगाना की 17 सीट यहां पर बीजेपी से मुकाबला नहीं था।, उत्तराखंड की पांच में से पांचों सीट पर, दिल्ली की सात में से पांच सीटों पर, हिमाचल की चार में से चारों सीट पर, यूपी की 80 में से तीन सीटों पर, अरुणाचल की 2 में से दोनों सीट पर, मणिपुर की एक में से 1 सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार बीजेपी के मुकाबले दूसरे नंबर पर रहे।
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