किस बात का इंतजार कर रही थीं ममता बनर्जी? आखिर खुलकर आईं महुआ मोइत्रा के साथ
Mamata Banerjee News: आखिरकार पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी खुलकर महुआ मोइत्रा के साथ आ गई हैं। उन्होंने कहा कि हम लोकसभा से तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा के निष्कासन की निंदा करते हैं, पार्टी उनके साथ खड़ी है। सवाल उठते रहे हैं कि आखिर ममता अपनी ही सांसद महुआ से दूरी क्यों बना रही हैं।
महुआ मोइत्रा के साथ खुलकर आईं ममता बनर्जी।
Mamata Banerjee With Mahua Moitra: महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा की मुसीबतें बढ़ने के साथ ममता बनर्जी खुलकर उनके साथ आ गई हैं। हालांकि लंबे वक्त से ये सवाल उठ रहे थे कि उनकी पार्टी के दिग्गज नेता और सीएम ममता बनर्जी ने इस पूरे विवाद से आखिर क्यों दूरी बना रखी है। अब ममता ने कहा है कि महुआ मोइत्रा का लोकसभा से निष्कासन संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है।
महुआ मोइत्रा के साथ खुलकर आईं ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित करने के फैसले की निंदा की और इस कदम को देश के संसदीय लोकतंत्र के साथ ‘विश्वासघात’ करार दिया। मोइत्रा को ‘धन लेकर सवाल पूछने’ के मामले में शुक्रवार को सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इससे पहले सदन में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद उसे मंजूरी दी गई, जिसमें मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी।
संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है- ममता
ममता बनर्जी ने कहा, 'यह संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है। जिस तरह से महुआ मोइत्रा को निष्कासित किया गया, उसकी हम निंदा करते हैं, पार्टी उनके साथ खड़ी है। वे (भाजपा) हमें चुनाव में नहीं हरा सकते, इसलिए उन्होंने बदले की राजनीति का सहारा लिया है। यह दुखद दिन है और भारतीय संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है।' टीएमसी प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा ने मोइत्रा को अपना पक्ष रखने की भी अनुमति नहीं दी। बनर्जी ने कहा, 'लेकिन, वह (मोइत्रा) बड़े जनादेश के साथ संसद में लौटेंगी। भाजपा सोचती है कि पार्टी जो चाहे कर सकती है, क्योंकि उनके पास प्रचंड बहुमत है। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि एक दिन ऐसा भी आ सकता है, जब वे सत्ता में नहीं रहेंगे।'
इससे पहले ममता ने महुआ मामले पर क्या कहा था?
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे कैश-फॉर-क्वेरी विवाद पर ममता बनर्जी ने इससे पहले प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा था, 'यह सब एक राजनीतिक प्रतिशोध की वजह से हो रहा है।' ममता ने एक तो इतनी देरी से इस विवाद पर चुप्पी तोड़ी थी, वो भी वो इतना ही बोलकर रुक गई थीं। मतलब साफ है, ममता इस पूरे मामले से दूरी बनाए रखना चाहती थी। मगर अब ममता को ये महसूस होने लगा कि कहीं आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में महुआ मोइत्रा पर हुई कार्रवाई से टीएमसी को लाभ मिल सकता है।
'महुआ के खिलाफ नकदी के लेनदेन का कोई सबूत नहीं'
तृणमूल कांग्रेस ने महुआ मोइत्रा के मामले में आचार समिति की कार्यवाही की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हुए लोकसभा में कहा कि पार्टी नेता के खिलाफ नकदी के लेनदेन का कोई सबूत नहीं है। सदन में आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा अध्यक्ष से कई बार आग्रह किया कि मोइत्रा को उनका पक्ष रखने का मौका दिया जाए, लेकिन बिरला ने पुरानी संसदीय परिपाटी का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया। बिरला ने पार्टी सांसद कल्याण बनर्जी को बोलने का मौका दिया। सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा समिति की पूरी रिपोर्ट मीडिया में लीक कर दी गई है। उन्होंने कहा, 'मैं हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं कि महुआ को बोलने का मौका दिया जाए।'
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