राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा में ममता बनर्जी भी नहीं होंगी शामिल, पहले येचुरी ने अयोध्या जाने से किया था इंकार
Mamata Banerjee: टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, मुझे नहीं पता कि ममता बनर्जी को निमंत्रण आया है या नहीं, लेकिन मैं इतना जरूर जानता हूं कि मंदिर उद्घाटन में उनके शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता।
ममता बनर्जी
Mamata Banerjee: माकपा नेता सीताराम येचुरी के बाद अब बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी भी राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी। येचुरी के बाद ममता बनर्जी विपक्ष की दूसरी बड़ी नेता हैं, जिन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने खुद इसकी घोषणा नहीं की है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने बुधवार को एक बयान देकर न केवल मुख्यमंत्री, बल्कि पार्टी के किसी भी नेता के मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने की संभावना से इनकार कर दिया। उनसे जब पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम में जाएंगी, तो घोष ने मीडियाकर्मियों से कहा, मुझे नहीं पता कि उन्हें निमंत्रण आया है या नहीं, लेकिन मैं इतना जरूर जानता हूं कि मंदिर उद्घाटन में उनके शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता।
राजनीतिक एजेंडे के लिए हो रहा भगवान राम का प्रयोग
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी भगवान राम की बहुत श्रद्धा से पूजा करती हैं, लेकिन पार्टी अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने के लिए भगवान राम के बारे में लोगों की भावनाओं का फायदा उठाने की भाजपा की रणनीति का समर्थन नहीं करती हैं। घोष ने कहा, भाजपा लोगों की भावनाओं का फायदा उठाकर आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी नैया पार लगाने की कोशिश कर रही है। लेकिन हम उनके इस रुख का समर्थन नहीं करते।
पहले येचुरी भी कर चुके हैं इंकार
बता दें, इससे पहले मंगलवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पोलित ब्यूरो ने एक बयान जारी कर घोषणा की थी कि पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। बयान में कहा गया था, माकपा महासचिव कॉमरेड सीताराम येचुरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। पार्टी की नीति धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करना और प्रत्येक व्यक्ति के अपने विश्वास को आगे बढ़ाने के अधिकारों की रक्षा करना रही है। बयान में कहा गया है, "पार्टी मानती है कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद है, जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में नहीं बदला जाना चाहिए। इसलिए, हम समारोह में शामिल नहीं होंगे।
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