संदेशखाली मामले पर सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को झटका, सीबीआई जांच के खिलाफ याचिका खारिज
संदेशखाली मामले पर सीबीआई जांच पर रोक लगाने से आज सुप्रीम कोर्ट ने साफ इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि सीबीआई जांच चलती रहेगी।
संदेशखाली मामले पर ममता सरकार को झटका
Sandeshkhali CBI Investigation: सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने संदेशखालि में महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन हड़पने के आरोपों पर सीबीआई जांच का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि किसी को बचाने में राज्य की रूचि क्यों होनी चाहिए? अदालत ने कहा कि पिछली सुनवाई में जब शीर्ष अदालत ने यह विशेष प्रश्न पूछा था तो राज्य सरकार के वकील ने कहा था कि मामले को स्थगित किया जाए। पीठ ने कहा, धन्यवाद। याचिका खारिज की जाती है।
कुछ लोगों के हितों को बचाने की कोशिश क्यों?शीर्ष अदालत, कलकत्ता उच्च न्यायालय के 10 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार से कहा था कि निजी क्षेत्र के कुछ लोगों के हितों को बचाने के लिए राज्य को एक याचिकाकर्ता के रूप में क्यों आना चाहिए? राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में अपनी याचिका में कहा था कि उच्च न्यायालय के आदेश ने पुलिस बल समेत राज्य के संपूर्ण तंत्र का मनोबल कमजोर कर दिया।
संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के मामले की जांच पहले से ही सीबीआई कर रही है और उसने पांच जनवरी की घटनाओं से संबंधित तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं।
बता दें कि यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर संदेशखाली मामला खूब सु्र्खियों में छाया था। टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके गुर्गों पर आरोप लगा था कि इन्होंने यहां कई महिलाओं का यौन शोषण किया था। आरोप था कि महिलाओं को जबरन पार्टी दफ्तर में बुलाकर इनका उत्पीड़न किया जाता है। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंपी थी। इस फैसले के खिलाफ ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
ईडी टीम पर भी हमले का आरोपी है शाहजहां शेख
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इसी साल जनवरी में संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हुए हमले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार किया था और आरोपपत्र दायर किया था। बता दें कि पश्चिम बंगाल में ईडी की टीम पर 1,000 लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया था। यह हमला उस समय किया गया जब करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में टीम शेख के घर छापेमारी करने गई थी। टीम घोटाले में जांच के घेरे में आए राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक के साथ शेख के कथित करीबी संबंधों के कारण उसे गिरफ्तार करने गई थी।
आपराधिक साजिश और हत्या के प्रयास का आरोप
सीबीआई ने शाहजहां शेख, उसके भाई और पांच अन्य पर आपराधिक साजिश और हत्या के प्रयास का आरोप लगाए। अधिकारियों ने बताया कि आरोप पत्र में शेख, उसका भाई आलमगीर और सहयोगी जियाउद्दीन मुल्ला, मफुजर मुल्ला और दीदारबख्श मुल्ला शामिल हैं। सीबीआई ने आरोपियों पर आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 307 (हत्या का प्रयास) के अलावा दंगा और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने समेत कई अन्य आरोप लगाए।
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