मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह के लिए अहम दिन, राज्यपाल से करेंगे मुलाकात

N Biren Singh : मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह राज्यपाल से दोपहर करीब तीन बजे मिलेंगे। इस तरह की खबरें आ रही हैं कि वो मुलाकात के बाद अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि सैकड़ों की संख्या में महिलाएं सचिवालय के करीब जुटीं और इस्तीफा नहीं देने की अपील की।

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मणिपुर के सीएम थे एन बीरेन सिंह

N Biren Singh : मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह राज्यपाल से मिलने वाले हैं। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि वो इस्तीफा दे सकते हैं। पिछले महीने मेइती समाज को एसटी दर्जा देने के मुद्दे पर कूकी समाज सामने आ गया था और मणिपुर हिंसा की आग में जल उठा। हालात पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए ना सिर्फ पुलिस महकमे में बदलाव किया गया। बल्कि सेना के हवाले भी किया गया। हालांकि रह रह कह चिंगारी भड़क जा रही है। राहुल गांधी दो दिनों के दौरे पर गुरुवार को मणिपुर पहुंचे थे और सरकार की नाकामी पर निशाना साधा था।मणिपुर के मुख्यमंत्री सचिवालय एवं राजभवन से लगभग 100 मीटर दूर नुपी लाल कॉम्प्लेक्स में शुक्रवार को सैकड़ों महिलाएं एकत्र हुईं और पूर्वोत्तर राज्य में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से इस्तीफा नहीं देने का आग्रह किया।

सूत्रों ने बताया कि इंफाल में ऐसी अफवाहें जोरों पर हैं कि सिंह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं, खासकर बृहस्पतिवार को राज्य में फिर से हुई हिंसा के बाद, जिसमें तीन और लोगों की जान चली गई।

इस्तीफा नहीं देने की अपील

महिला नेता क्षेत्रीमयुम शांति ने कहा कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, बीरेन सिंह सरकार को दृढ़ रहना चाहिए और उपद्रवियों पर नकेल कसनी चाहिए।अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के कंगपोकपी जिले में सुरक्षा बलों तथा संदिग्ध दंगाइयों के बीच गोलीबारी में घायल हुए एक और व्यक्ति ने अस्पताल में दमतोड़ दिया, जिससे घटना में जान गंवाने वालों लोगों की कुल संख्या शुक्रवार को बढ़कर तीन हो गई।अधिकारियों के अनुसार, बृहस्पतिवार को मारे गए दो दंगाई जिस समुदाय के थे, उसके सदस्यों ने उनके शव के साथ यहां मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास तक जुलूस निकालने की कोशिश की।अधिकारियों के मुताबिक, महिलाओं के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के आवास की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती भी दी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी पुलिस की आवाजाही को बाधित करने के लिए सड़क के बीच में टायर जलाते हुए भी देखे गए।गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

मणिपुर में मेइती बहुमत में

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं।मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।

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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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