मणिपुर हिंसाः नरेंद्र मोदी पर छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM का हमला- नहीं लेना चाहते जिम्मेदारी तो अमित शाह को बना दें PM, वो...

Manipur Latest News: दरअसल, पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर तीन मई 2023 से जातीय हिंसा की चपेट में है, जिसमें 160 से अधिक लोगों की जान (खबर लिखे जाने तक) जा चुकी है।

मणिपुर के मसले को लेकर प्रदर्शन करती महिलाएं। (फाइल)

Manipur Latest News: छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ने हिंसाग्रस्त मणिपुर के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे तौर पर घेरा है। उन्होंने बुधवार (27 जुलाई, 2023) को तंज कसते हुए कहा है कि अगर पीएम मोदी मणिपुर में जो कुछ भी हुआ है, उसकी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पीएम बना देना चाहिए और वही देश को जवाब दें।
मणिपुर के मसले को बेहद संवेदनशील करार देते हुए वह आगे बोले कि गृह मंत्री की जगह विपक्ष (कांग्रेस सहित) चाहता है कि पीएम इस मुद्दे पर जवाब दें। कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी। औरतों के साथ अवमानवीय व्यवहार और बर्बरता की गई। अगर एफआईआर होने के 77 दिन बाद कार्रवाई शुरू की गई तो जवाबदेह कौन है? पीएम मोदी और शाह...दोनों को इस बारे में पता होगा। अगर पीएम इसकी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं तब अमित शाह को पीएम बना दीजिए। वह तो जवाब दे सकते हैं। देश पीएम से जवाब जानना चाहता है और हर कोई मणिपुर की असल स्थिति जानना-समझना चाहता है।

मोरेह में भीड़ बेकाबू, घरों में लगा दी आग

इस बीच, सूबे के मोरेह जिले में भीड़ ने कम से कम 30 मकानों और दुकानों को आग लगा दी। साथ ही सुरक्षा बलों पर गोलियां भी चलाईं। खाली पड़े ये मकान म्यांमा की सीमा के करीब मोरेह बाजार क्षेत्र में थे। अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि आगजनी के बाद भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी भी हुई। सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। यह आगजनी कांगपोकपी जिले में भीड़ द्वारा सुरक्षा बलों की दो बसों को आग के हवाले करने की घटना के एक दिन बाद हुई।

हम मादक पदार्थ गिरोहों के खिलाफ, न कि कुकी के- CM

उधर, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार को साफ किया कि उनकी सरकार राज्य में चल रहे मादक पदार्थ गिरोहों के खिलाफ है, न कि कुकी समुदाय के। इस समुदाय के सदस्यों पर अतीत में कुछ वर्गों की ओर से नशीले पदार्थों के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। सिंह ने इस दौरान मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा से दूसरे राज्य के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप न करने को कहा। जोरमथांगा ने जो-कुकी लोगों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए मंगलवार को आइजोल में आयोजित एक रैली में हिस्सा लिया था।

160 से अधिक जा चुकी हैं जान

दरअसल, नॉर्थ ईस्ट के मणिपुर में दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न का वीडियो (असल में चार मई का) 19 जुलाई को सामने आया था, जिसके बाद देश भर में आक्रोश फैल गया था और विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। वैसे, इस सूबे में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
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