मणिपुर हिंसा के पीछे चीन का हाथ? बोले पूर्व आर्मी चीफ- विदेशी एजेंसियों की 'संलिप्तता नहीं की जा सकती दरकिनार'

Manipur Violence Latest Update: इस बीच, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा है कि मणिपुर की विभिन्न घटनाएं हम इंसानों और हमारे समाज के लिए बेहद दर्दनाक हैं। मणिपुर में दो समुदायों के बीच मई की शुरुआत में भड़की हिंसा में अब तक 160 जानें (खबर लिखे जाने तक) जा चुकी हैं।

Manipur Violence

Manipur Violence Case: तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Manipur Violence Latest Update: मणिपुर के मसले पर पूर्व आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है कि नॉर्थ ईस्ट के इस हिंसाग्रस्त सूबे में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता को "दरकिनार नहीं किया जा सकता" है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने विभिन्न विद्रोही समूहों को चीन की ओर से मदद दिए जाने की भूमिका पर ध्यान दिलाया है।

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में शुक्रवार (28 जुलाई, 2023) को नेशनल सिक्योरिटी पर्सपेक्टिव्स पर चर्चा के दौरान वह बोले- आंतरिक सुरक्षा बेहद जरूरी है। अगर हमारे सरहदी सूबे और सरहदी देश में अस्थिरता है तब यह अस्थिरता हमारी समूची राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बुरी है।

उन्होंने इस बात पर यकीन जताया कि सरकार हिंसा की आग में झुलसे राज्य में शांति बहाली के लिए प्रयास कर रही है। वह बोले- मुझे विश्वास है कि जो लोग भी कुर्सी पर बैठे हैं और जिम्मेदार हैं, वे जरूरी कदम उठा रहे हैं और हर संभव चीज कर रहे हैं।

उनके मुताबिक, "जो व्यक्ति जमीन पर है, उसे असल में मालूम होता है कि क्या किए जाने की जरूरत है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि अस्थिरता हमें समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा निर्माण में मदद नहीं करती है और विदेशी एजेंसियों की भागीदारी से इन्कार नहीं किया जा सकता है। पर मैं कहूंगा कि यह निश्चित रूप से है...खास तौर पर विभिन्न विद्रोही समूहों को चीनी सहायता...मेरा मानना है कि वे इतने सालों से उनकी मदद कर रहे हैं इसलिए वे इसे जारी रखेंगे।"

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अभिषेक गुप्ता author

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