Manipur violence: हालात पर सेना के ड्रोन और हेलीकॉप्टर से रखी जा रही नजर, 23000 लोगों ने सैन्य छावनियों में ली शरण

हिंसाग्रस्त मणिपुर के कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू में ढील दिये जाने के बीच हालात पर सेना के कई ड्रोन और हेलीकॉप्टर के जरिये नजर रखी जा रही है। जातीय हिंसा और अराजकता के कारण प्रभावित क्षेत्रों में फंसे करीब 23000 लोगों को अभी तक निकाला गया है।

मणिपुर सेना की निगरानी में

इम्फाल: हिंसाग्रस्त मणिपुर के कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू में ढील दिये जाने के बीच हालात पर सेना के कई ड्रोन और हेलीकॉप्टर के जरिये नजर रखी जा रही है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों तक जारी जातीय हिंसा और अराजकता के कारण प्रभावित क्षेत्रों में फंसे करीब 23,000 लोगों को अभी तक निकाला गया है और इन्हें सैन्य छावनियों में भेजा गया है। कुछ हद तक जीवन सामान्य होने पर सेना और असम राइफल्स के कर्मियों ने फ्लैग मार्च किया,लेकिन तनाव स्पष्ट रूप से दिख रहा था।

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इस बीच राज्यपाल अनुसुइया उइके ने सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह और ऑपरेशनल कमांडर आशुतोष सिन्हा के साथ बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में दोनों अधिकारियों ने राज्यपाल को अपने सुझाव दिये। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर इलाके में सुबह सात से 10 बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गई और इस दौरान खाद्य पदार्थ, दवाइयां व अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकले। अधिकारियों के मुताबिक, सुबह 10 बजे कर्फ्यू में ढील की मियाद खत्म होने के बाद सेना और असम राइफल्स के जवानों ने शहर में फ्लैग मार्च किया। हिंसा प्रभावित राज्य में सेना के 120 से 125 ‘कॉलम’ की तैनाती की गई है। सूत्रों ने बताया कि मणिपुर में अर्धसैनिक बलों और केंद्रीय पुलिस बलों के करीब 10,000 जवानों को भी तैनात किया गया है।

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मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि शांति संबंधी पहल को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में शांति समितियों का गठन किया जाएगा। वहीं, रक्षा विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अब तक विभिन्न समुदायों के लगभग 23,000 लोगों को बचाकर सैन्य छावनियों में स्थानांतरित किया गया है।

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