Manipur Violence: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने की राहुल गांधी के मणिपुर दौरे की सराहना, बोलीं- शांति बहाली पर फोकस जरूरी

Manipur Violence: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दो महीने से जातीय हिंसा में झुलस रहे प्रदेश मणिपुर का दौरा कर राहत कैंप में पीड़ितों से मुलाकात की। उनके इस दौरे की बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अधिकारीमयुम शारदा देवी (Adhikarimayum Sharda Devi) ने सराहना की।

बीजेपी मणिपुर अध्यक्ष ने की राहुल गांधी की तारीफ (तस्वीर-एएनआई और फेसबुक)

Manipur Violence: मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रदेश अध्यक्ष अधिकारीमयुम शारदा देवी (Adhikarimayum Sharda Devi) ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की गुरुवार को हिंसाग्रस्त राज्य की यात्रा की सराहना की। उन्होंने जातीय झड़पों के मद्देनजर मणिपुर में मौजूदा स्थिति का राजनीतिकरण न करने का भी सुझाव दिया। शारदा देवी न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि मौजूदा हालात में मैं राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा की सराहना करती हूं। हालांकि स्थिति को सुलझाने और शांति वापस लाने पर फोकस होना चाहिए। इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
गुरुवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने चुराचांदपुर जिले में राहत शिविरों का दौरा किया और एक दिन बाद बिष्णुपुर जिले के मोइरांग में राहत शिविरों का दौरा किया। उन्होंने छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों, महिलाओं और बुद्धिजीवियों के साथ भी बातचीत की और उसके बाद राज्य की राज्यपाल अनुसुइया (Anusuiya Uikey.) उइके से मुलाकात की। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि मैं मणिपुर के अपने सभी भाइयों और बहनों को सुनने आया हूं। सभी समुदायों के लोगों को प्यार भरा स्वागत है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मुझे रोक रही है। मणिपुर के जख्म को भरने की जरुरत है। शांति हमारी एकमात्र प्राथमिकता होनी चाहिए।
राहुल गांधी की यात्रा की BJP ने आलोचना की क्योंकि पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने कहा कि उन्होंने 'जिद' के साथ राज्य का दौरा किया और उन्हें वहां जाने से पहले जमीनी हकीकत से अवगत होना चाहिए था। जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने दक्षिणपंथी पार्टी बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने ईर्ष्या के कारण ऐसा कहा। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता हमेशा ईर्ष्या से बात करती है। अगर कोई कांग्रेस नेता वहां (मणिपुर) जाकर लोगों की कठिनाइयों को समझने की कोशिश करता है तो वे इसे नाटक कहते हैं। वे पटना में विपक्ष की बैठक को फोटो सेशन कहते हैं। वे लोकतांत्रिक मानसिकता के नहीं बल्कि तानाशाही मानसिकता के हैं।
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