Manipur Violence: अटकलों पर लगा विराम, सीएम बीरेन सिंह बोले- मैं इस्तीफा नहीं दूंगा
Manipur Violence: मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच चल रही हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे मांग उठी तो दूसरी ओर उनके समर्थन में भी बड़ी संख्या में महिलाएं सड़कों पर उतरीं। इसी बीच सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि इस्तीफा नहीं दूंगा।
Manipur Violence: मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच तीन मई से चल रही हिंसा के बाद से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर इस्तीफा का दबाव बढ़ने लगा था। हिंसा शु्रू होने के करीब दो महीने बाद 30 जून को मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। इससे पहले उन्होंने अपने आवास के बाहर एकत्रित लोगों से मुलाकात की। बीरेन सिंह के समर्थन में बड़ी संख्या में महिलाएं इंफाल में मुख्यमंत्री आवास के पास एकत्र हुई थीं। इसके बाद सीएम बीरेन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।
इस्तीफा देने की थी अफवाह
गौर हो कि इससे पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री सचिवालय एवं राजभवन से करीब 100 मीटर दूर नुपी लाल कॉम्प्लेक्स में शुक्रवार को सैकड़ों महिलाएं एकत्र हुईं और पूर्वोत्तर राज्य में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से इस्तीफा नहीं देने का आग्रह किया। सूत्रों ने बताया था कि इंफाल में ऐसी अफवाहें जोरों पर हैं कि सिंह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं, खासकर गुरुवार को राज्य में फिर से हुई हिंसा के बाद, जिसमें तीन और लोगों की जान चली गई। महिला नेता क्षेत्रीमयुम शांति ने कहा कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, बीरेन सिंह सरकार को दृढ़ रहना चाहिए और उपद्रवियों पर नकेल कसनी चाहिए।
मणिपुर में इसलिए भड़की थी हिंसा
गौर हो कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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