मणिपुर में बेकाबू हुई हिंसा, 7 जिलों कर्फ्यू लागू और इंटरनेट बंद; सीएम आवास को भी बनाया गया निशाना

Manipur Violence: प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद समेत छह में से तीन विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की और उनकी संपत्तियों को आग लगा दी। इसके बाद सरकार ने मणिपुर के पांच जिलों में कर्फ्यू लगाया है, वहीं सात जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

Manipur Violence

मणिपुर में हिंसा।

Manipur Violence: मणिपुर में बीते एक साल से हिंसा का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को राज्य में एक बार हिंसा भड़क गई। यहां जिरिबाम से मैतेई परिवार को 6 लोगों के लापता होने और तीन के शव बरामद होने के बाद जमकर प्रदर्शन हुआ। हालात बेकाबू तब हो गए, जब प्रदर्शनकारियों की भीड़ तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवास में घुस कई और तोड़फोड़ की। इसके बाद राज्य सरकार ने सात जिलों में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया है। इसके अलावा राज्य के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद समेत छह में से तीन विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की और उनकी संपत्तियों को आग लगा दी, जबकि सुरक्षा बलों ने इंफाल के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के निजी आवास पर भी हमला बोला, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी झड़प हुई।

शव मिलने बाद भड़की हिंसा

बता दें, जिरीबाम जिले के छह लापता लोगों में से तीन व्यक्तियों के शव शुक्रवार रात मणिपुर-असम सीमा पर जिरी और बराक नदियों के संगम के पास पाए गए। इसके बाद जमकर प्रदर्शन हुआ। एक अधिकारी ने कहा कि राज्य के जिन मंत्रियों के आवासों पर प्रदर्शनकारियों ने धावा बोला उनमें सपम रंजन, एल सुसिंड्रो सिंह और वाई खेमचंद शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के कारण इंफाल घाटी के इंफाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि राज्य प्रशासन ने राज्य के मंत्रियों और विधायकों के आवासों में घुसे प्रदर्शनकारियों के मद्देनजर शनिवार शाम को सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं।

केंद्र से अफ्स्पा हटाने की मांग

इस बीच मणिपुर सरकार ने केंद्र से राज्य के छह थानाक्षेत्रों में आने वाले इलाकों में सशस्त्र बल अधिनियम (अफ्स्पा) की समीक्षा कर उसे हटाने का अनुरोध किया। बता दें, केंद्र ने हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के छह थानाक्षेत्रों में अफ्स्पा फिर से लागू कर दिया है। संयुक्त सचिव (गृह) द्वारा केंद्र सरकार को लिखे एक पत्र में उल्लेख किया गया कि राज्य सरकार ने 15 नवंबर को अपनी बैठक में इस (अफ्स्पा को फिर से लागू करने) पर विचार-विमर्श किया और केंद्र सरकार को इसकी समीक्षा कर राज्य के छह थानाक्षेत्र में आने वाले इलाकों को अफ्स्पा 1958 की धारा तीन के तहत अशांत क्षेत्र घोषित करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया। पत्र के मुताबिक, इसलिए अनुरोध किया जाता है कि 14 नवंबर को जनहित में जारी अधिसूचना की समीक्षा कर इसे वापस लिया जाए। गृह मंत्रालय ने 14 नवंबर को इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई व लामसांग, इंफाल पूर्व में लामलाई, बिष्णुपुर में मोइरांग, कांगपोकपी में लीमाखोंग और जिरीबाम जिले में जिरीबाम के अंतर्गत आने वाले इलाकों में अफ्स्पा को फिर से लागू कर दिया था।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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