Manipur में बिगड़ा माहौल: बोली सरकार- 'गंभीर स्थिति' देखते ही मार दें गोली, सेना तैनात; समझें- क्या है पूरा विवाद

Manipur Violence Latest Updates in Hindi: दरअसल, नगा और कुकी आदिवासियों की ओर से ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद बुधवार (तीन मई, 2023) को हिंसा भड़क गई थी, जो कि रात में और तेज हो गई थी। हिंसा के बाद 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए।

Manipur Violence Latest Updates in Hindi: मणिपुर में हिंसा भड़कने के चलते बिगड़े माहौल के बाद सरकार ने दंगाइयों को देखते ही गोली मार देने के आदेश दे दिए। गुरुवार (चार मई, 2023) को हालात काबू करने के लिए राज्य सरकार ने ‘‘गंभीर स्थिति’’ में देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया। राज्यपाल के जारी आदेश में कहा गया कि ‘‘समझाने और चेतावनी के बावजूद स्थिति काबू में नहीं आने पर 'देखते ही गोली मारने’ की कार्रवाई की जा सकती है। राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) की ओर से हस्ताक्षरित अधिसूचना दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के प्रावधानों के तहत जारी की गई है।

दरअसल, राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई थी। मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय की ओर से पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय ने एसटी दर्जे की मांग पर चार हफ्ते में केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहने के बाद किया गया था।

चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में मार्च के वक्त हथियार लिए लोगों की भीड़ ने कथित तौर पर मेइती लोगों पर हमला किया था, जिसकी जवाबी कार्रवाई में भी हमले हुए थे और इसी कारण पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई थी। हिंसा के बाद 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए।

उधर, कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, "मणिपुर जल रहा है। भाजपा ने समुदायों के बीच दरार पैदा की और इस खूबसूरत राज्य की शांति को भंग कर दिया। भाजपा की नफरत और विभाजन की राजनीति तथा सत्ता का लोभ इस समस्या के लिए जिम्मेदार है। हम सभी पक्षों के लोगों से संयम बरतने और शांति को एक मौका देने की अपील करते हैं।" वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी बोले (ट्वीट के जरिए), ‘‘मणिपुर में तेजी से बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंतित हूं। प्रधानमंत्री को वहां शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मैं मणिपुर के लोगों से भी शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं।’’

सेना के प्रवक्ता के मुताबिक, स्थिति नियंत्रण के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 ‘कॉलम’ तैनात किए गए, जबकि हालात फिर बिगड़ने की सूरत में कार्रवाई के लिए सेना के 14 ‘कॉलम’ को तैनाती के लिए तैयार रखा गया है। हिंसा के चलते 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। इस बीच, हिंसा की गंभीरता को रेखांकित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात की और राज्य की स्थिति का जायजा लिया।

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अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

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