मणिपुर में हिंसा का सिलसिला, मंत्री के आवास पर ग्रेनेड हमला, हुआ भारी नुकसान

पुलिस अधिकारी ने बताया कि ग्रेनेड धमाके से मंत्री के घर की दीवारें और कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारी ने कहा, ग्रेनेड हमले के बाद उसके कुछ टुकड़े बरामद कर लिए गए हैं और सुरक्षा के कड़े उपाय किए गए हैं।

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मणिपुर हिंसा

Manipur Violence: मणिपुर के मंत्री काशिम वशुम के उखरुल जिले स्थित आवास पर संदिग्ध उग्रवादियों ने ग्रेनेड से हमला किया, जिससे उनकी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात हुई इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। वशुम ने बताया कि जब ग्रेनेड धमाका हुआ तब वह और उनके परिवार के सदस्य घर पर नहीं थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि ग्रेनेड धमाके से मंत्री के घर की दीवारें और कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारी ने कहा, ग्रेनेड हमले के बाद उसके कुछ टुकड़े बरामद कर लिए गए हैं और सुरक्षा के कड़े उपाय किए गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि जांच के लिए आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज देखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। वशुम, नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के विधायक हैं, जो राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी है। इस बीच, तांगखुल नगा जनजाति के शीर्ष संगठन तांगखुल नगा लांग ने हमले की कड़ी निंदा की है और पुलिस से अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आग्रह किया है।

सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल

वहीं, मणिपुर पुलिस ने रविवार को विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त की और प्रदर्शनकारियों से अपनी बात रखने के लिए ऐसे हथियारों का इस्तेमाल करने से परहेज करने का आग्रह किया। रेंज 1 के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) एन. हीरोजीत सिंह ने पत्रकारों से कहा, हम जनता को याद दिलाना चाहते हैं कि पुलिस विभाग का कर्तव्य कानून-व्यवस्था बनाए रखना और बदमाशों द्वारा किए जाने वाले सशस्त्र हमलों पर प्रतिक्रिया देना है। इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान हमारे कई कर्मी हताहत हुए हैं।
विरोध प्रदर्शन की रणनीति में आए बदलाव पर प्रकाश डालते हुए डीआईजी ने कहा कि हाल के आंदोलनों में, विरोध के तरीकों में बदलाव आया है और सुरक्षा बलों को निशाना बनाया जा रहा है। उनके मुताबिक, प्रदर्शनकारी पत्थरबाजी, गुलेल से लोहे के टुकड़े फेंकना, आंसू गैस के गोले दागना और स्वचालित आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि हमारे पास विरोध प्रदर्शनों के दौरान स्वचालित हथियारों से गोलीबारी के सबूत हैं। हाल में खाबेइसोई में स्वचालित हथियारों से गोलीबारी में इंफाल ईस्ट कमांडो के एक अधिकारी और एक अन्य कर्मी घायल हो गए। इंफाल पश्चिम जिले के काकवा में स्वचालित हथियारों से गोलीबारी के निशान हमारे वाहनों पर हैं।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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