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Manipur Violence: गुवाहाटी में ही होगी मणिपुर जातीय हिंसा मामलों की सुनवाई; सुप्रीम कोर्ट ने सुना दिया ये आदेश

SC on Manipur Violence Case: मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश सुनाते हुए ये कहा है कि जातीय हिंसा से जुड़े मामलों की सुनवाई गुवाहाटी में ही होगी। सोमवार को पीठ ने 25 अगस्त, 2023 को पीठ द्वारा मुकदमा पूर्व कार्यवाही के लिए गुवाहाटी स्थानांतरित किए गए मामलों में एक वकील की दलीलों पर गौर किया।

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मणिपुर हिंसा मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किये जा रहे मणिपुर जातीय हिंसा मामलों की सुनवाई असम के गुवाहाटी में की जाएगी, जहां इसे पूर्व में स्थानांतरित किया गया था। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली समिति का कार्यकाल भी 31 जुलाई, 2025 तक बढ़ा दिया।

मणिपुर हिंसा के मामलों की सुनवाई गुवाहाटी में ही होगी

इस समिति में बंबई उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश शालिनी पी जोशी और दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश आशा मेनन भी शामिल हैं। इस समिति का गठन शीर्ष अदालत ने सात अगस्त, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा के पीड़ितों के राहत और पुनर्वास की देखरेख के लिए किया था। इससे पहले शीर्ष अदालत ने पिछले साल पांच अगस्त को समिति का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया था। सोमवार को पीठ ने 25 अगस्त, 2023 को पीठ द्वारा मुकदमा पूर्व कार्यवाही के लिए गुवाहाटी स्थानांतरित किए गए मामलों में एक वकील की दलीलों पर गौर किया। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम स्पष्ट करते हैं कि स्थानांतरित मामलों की सुनवाई गुवाहाटी की अदालतों में होगी।’’

सुप्रीम कोर्ट ने 27 मामलों को असम स्थानांतरित कर दिया

मणिपुर में समग्र माहौल और आपराधिक न्याय प्रशासन की निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए शीर्ष अदालत ने विभिन्न अपराधों से संबंधित 27 मामलों को असम स्थानांतरित कर दिया। इसमें निर्वस्त्र अवस्था में घुमाई गई दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न का मामला भी शामिल है, जिसका वीडियो सामने आया था।

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