Manipur: 'पुलिस ने हमें भीड़ के हवाले कर दिया...' बलात्कार की शिकार महिला ने बताया उस दिन क्या हुआ

Manipur Viral Video Inside Story: हिंसा से जल रहे मणिपुर से मानवता को शर्मसार करने वाले वीडियो के वायरल होने के एक दिन बाद उस भयावह घटना से जुड़ा सच सामने आया जिसे जानकर हर कोई सहम उठेगा। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि मणिपुर में निर्वस्त्र कर बलात्कार की शिकार हुई महिला ने आपबीती बताई है और कहा है कि उस दिन पुलिस भीड़ के साथ थी, उन्होंने हमें उन लोगों के पास छोड़ दिया।

मणिपुर की एक बलात्कार पीड़िता ने बताई आपबीती।

Manipur Inside Story: मणिपुर में कुकी-ज़ोमी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न घुमाने और उनके साथ बलात्कार का वीडियो सामने आने के एक दिन बाद पीड़ितों में से एक ने अपनी आपबीती बताई है। पीड़िता ने एक अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि उस दिन वहां क्या हुआ था। भीड़ ने कैसे दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी और भूखे भेड़िये की तरह महिलाओं की अस्मत लूटते रहे। महिला ने बातचीत के दौरान यह दावा भी किया है कि पुलिस ने उन्हें भीड़ के पास छोड़ दिया था।

बेरहमी से दिनदहाड़े किया गया सामूहिक बलात्कार

वायरल वीडियो बेहद संवेदनशील है, जो हम आपको नहीं दिखा सकते हैं। आपको उस दिन की सारी दास्तां बताते हैं। वीडियो में दिख रही दो महिलाओं में से एक की उम्र 20 वर्ष और दूसरी की 40 वर्ष बताई जा रही है। जिन्हें पुरुषों की भीड़ निर्वस्त्र करके सड़क पर परेड कराते हैं और खेत की ओर ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कुछ लोग को दोनों महिलाओं को खेत की ओर खींचते हैं और उनके साथ जबरदस्ती छेड़छाड़ करते नजर आ रहे हैं। 18 मई को दर्ज की गई एक पुलिस शिकायत में पीड़ितों ने यह भी आरोप लगाया था कि छोटी महिला के साथ 'दिनदहाड़े बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया गया।'

बलात्कार पीड़िता का आरोप, पुलिस ने भीड़ को सौंपा

शिकायत में पीड़ितों ने बताया था कि कांगपोकपी जिले में उनके गांव पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद वे आश्रय के लिए जंगल में भाग गए थे और बाद में उन्हें थौबल पुलिस ने बचाया और पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा था, लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया। थाने से करीब दो किलोमीटर दूर रास्ते में ही भीड़ ने धावा बोल दिया। रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि अपने पति के घर से फोन पर से बात करते हुए, छोटी महिला ने आरोप लगाया कि 'पुलिस उस भीड़ के साथ थी, जो लोग उस दिन हमारे गांव पर हमला कर रहे थे। पुलिस ने हमें घर के पास से उठाया और गांव से थोड़ी दूर ले जाकर भीड़ के पास सड़क पर छोड़ दिया, पुलिस ने हमें भीड़ को सौंप दिया था।'
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