सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया को मिली सबसे बड़ी राहत, 17 महीने बाद मिली जमानत

17 महीने से जेल में बंद आप नेता मनीष को आखिरकार आज सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल ही गई। अदालत ने मंगलवार 6 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज फैसला सुनाते हुए मनीष को जमानत दे दी। अदालत ने क्या-क्या कहा जानिए।

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मनीष सिसोदिया

मुख्य बातें
  • सुप्रीम कोर्ट से आप नेता मनीष सिसोदिया को सबसे बड़ी राहत मिली
  • अदालत ने सिसोदिया को 17 महीने बाद जमानत दे दी
  • सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में देरी के आधार पर मनीष को जमानत दी
Manish Sisodia gets bail: सुप्रीम कोर्ट से आप नेता मनीष सिसोदिया को सबसे बड़ी राहत मिली है। अदालत ने सिसोदिया को 17 महीने बाद जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की याचिकाओं पर आज अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें जमानत दे दी। शीर्ष अदालत ने सुनवाई में देरी के आधार पर सिसोदिया को जमानत दी। अदालत ने कहा कि लंबे समय तक सुनवाई के बिना किसी को जेल में नहीं रखा जा सकता है।

7 माह से हिरासत में थे सिसोदिया

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को जमानत दी और कहा कि वह 17 माह से हिरासत में हैं। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सिसोदिया 17 माह से हिरासत में हैं और अभी तक मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई है जिससे वह शीघ्र सुनवाई के अधिकार से वंचित हुए हैं। पीठ ने कहा कि इन मामलों में मनीष सिसोदिया को जमानत के लिए निचली अदालत भेजना ठीक नहीं होगा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि वक्त आ गया है कि निचली अदालतें और उच्च न्यायालय इस बात को समझें कि जमानत नियम है और जेल अपवाद। पीठ ने सिसोदिया को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतों पर रिहा किए जाने का निर्देश दिया। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया था। बाद में यह नीति रद्द कर दी गई थी।

9 मार्च 2023 को गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें धनशोधन के मामले में 9 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था। धनशोधन का यह मामला सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़ा था। सिसोदिया ने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। उनके पास शिक्षा मंत्रालय का भी प्रभार था। सिसोदिया ने जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह 17 माह से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया।

आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मनीष को निचली अदालत फिर हाई कोर्ट जाने को कहा था। फिर सुप्रीम कोर्ट आने को कहा। उन्होंने दोनों अदालतों में याचिका दाखिल की थी। इसके बाद मनीष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। पहले आदेश के मुताबिक 6 से 8 महीने की समयसीमा बीत गई है। अदालत ने कहा, इस मामले में जब पहला आदेश जारी किया गया तब से अब तक 7 महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस मामले में ट्रिपल टेस्ट आड़े नहीं आएगा क्योंकि यहां मामला ट्रायल के शुरू होने में देरी को लेकर है। निचली अदालत ने राइट टू स्पीडी ट्रॉयल को अनदेखा किया और मेरिट के आधार पर जमानत नही दी थी। वहीं, अदालत ने कहा, ED की तरफ से कहा गया कि इस मामले में आरोपी की तरफ से अलग-अलग कई याचिकाएं दाखिल की गई। मनीष ने जो अर्जियां दाखिल की हैं उसमें ज्यादातर अपनी पत्नी से मिलने या फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए थी। सीबीआई मामले में 13 और ईडी मामले में 14 अर्जियां दाखिल की गई थीं।
अदालत ने कहा कि ये सभी अर्जियां निचली अदालत ने मंजूर की थी। निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि मनीष की अर्जियों की वजह से ट्रायल शुरू होने में देरी हुई वो सही नहीं है। हम इस बात से सहमत नहीं हैं कि अर्जियों की वजह से ट्रायल में देरी हुई।
वहीं, मनीष को जमानत मिलने के बाद आप नेता संजय सिंह के घर पर मिठाई बांटने का दौर शुरू हुआ।

संजय सिंह का पीएम पर निशाना

संजय सिंह ने कहा कि मनीष सिसोदिया को लंबे समय बाद इंसाफ मिला है। हर कार्यकर्ता इससे बहुत उत्साहित है। पीएम को निशाने पर लेते हुए संजय ने कहा कि क्या पीएम मोदी उनके जीवन के 17 महीने के जेल का हिसाब देंगे। संजय ने कहा कि सत्य की जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट का ह्रदय से आभार है।

स्वाति मालीवाल ने कहा, मुझे खुशी है कि ...

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मनीष सिसोदिया को जमानत दिए जाने पर आप सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि उन्हें जमानत मिल गई। मुझे उम्मीद है कि वह दिल्ली सरकार का नेतृत्व करेंगे और अच्छा काम करेंगे।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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