व्हीलचेहर पर मनमोहन भी पहुंचे राज्यसभा, आप ने की जमकर तारीफ, तो कांग्रेस-बीजेपी में मचा संग्राम

संसद के उच्च सदन में मनमोहन सिंह की उपस्थिति ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच राजनीतिक बहस भी शुरू कर दी।

manmohan singh

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Manmohan Singh: राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक से जुड़े बिल पर वोटिंग के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी पहुंचे। उन्हें देखकर हर कोई हैरान हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राज्यसभा सत्र में भाग लेने के लिए व्हीलचेयर पर संसद में आए। सदन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा हो रही थी। आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने 90 वर्षीय कांग्रेस दिग्गज को धन्यवाद देते हुए पर लिखा, आज, राज्यसभा में डॉ. मनमोहन सिंह ईमानदारी के प्रतीक के रूप में खड़े हुए और विशेष रूप से काले अध्यादेश के खिलाफ वोट करने आए। लोकतंत्र और संविधान के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता एक गहन प्रेरणा है। उनके अमूल्य समर्थन के लिए मैं हृदय से उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।

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कांग्रेस-बीजेपी में सियासी जंग छिड़ी

लेकिन संसद के उच्च सदन में मनमोहन सिंह की उपस्थिति ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच राजनीतिक बहस भी शुरू कर दी। सबसे पुरानी पार्टी की आलोचना करते हुए बीजेपी ने लिखा, “देश याद रखेगा, कांग्रेस का यह पागलपन! इतनी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति में भी कांग्रेस ने अपने बेईमान गठबंधन को बनाए रखने के लिए एक पूर्व प्रधानमंत्री को देर रात संसद में व्हीलचेयर पर बैठाए रखा! बेहद शर्मनाक!”

कांग्रेस का बीजेपी पर पलटवार

बीजेपी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस की सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ''डॉक्टर साहब का लोकतंत्र के प्रति यह समर्पण इस देश के संविधान में उनके विश्वास का प्रमाण है। भले ही भाजपा ने अपने बुजुर्गों को मानसिक कोमा में धकेल दिया हो, लेकिन वे हमारी प्रेरणा, हमारा साहस बने हुए हैं। अपने गुरु से कहो कि कुछ सीखो - भगोड़े मत बनो।” मनमोहन सिंह के अलावा विपक्ष ने अपनी संख्या बढ़ाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीमार शिबु सोरेन को सदन में पहुंचाया और विधेयक के खिलाफ 102 सांसदों का समर्थन हासिल किया।

राज्यसभा द्वारा अध्यादेश को मंजूरी

राज्यसभा द्वारा अध्यादेश पारित करने के बाद दिल्ली सेवा विधेयक को संसदीय मंजूरी मिल गई, जो केंद्र को राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाही पर नियंत्रण देगा। इसके साथ ही भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने संख्या के खेल में विपक्ष की चुनौती को विफल कर दिया। अध्यादेश को प्रतिस्थापित करने वाले विधेयक को मतदान के दौरान 131-102 से मंजूरी दे दी गई क्योंकि बीजद और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने सरकार का समर्थन किया। इसे 26-दलों वाले गठबंधन इंडिया के गठन के बाद विपक्षी एकता के लिए पहली बड़ी परीक्षा के रूप में देखा गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए पिछले महीने ही इसका गठन हुआ था।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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