कांग्रेस मुख्यालय से सुबह साढ़े 9 बजे निकलेगी मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा, आज उनके आवास पर रहेगा पार्थिव शरीर

Manmohan Singh’s final Journey: मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा से जुड़ा बड़ा अपडेट सामने आया है। जानकारी के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए शनिवार सुबह कांग्रेस मुख्यालय से अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा शनिवार सुबह 9.30 बजे कांग्रेस मुख्यालय से शुरू होगी ।

Manmohan Singh’s Cremation Timing

मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा से जुड़ी जानकारी देखें।

Manmohan Singh’s Cremation Timing: देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार से जुड़ा अपडेट सामने आया है। कांग्रेस मुख्यालय से उनकी अंतिम यात्रा सुबह साढ़े 9 बजे निकाली जाएगी। मनमोहन का बृहस्पतिवार रात को निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली ने सिंह के निधन की घोषणा की। उन्हें गंभीर हालत में रात करीब साढ़े आठ बजे आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था।

आज शाम 5.30 बजे कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि 'पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी को श्रद्धांजलि देने के लिए आज शाम 5.30 बजे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई है, जिसमें कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, स्थायी और विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल होंगे।'

कल सुबह 9.30 बजे कांग्रेस मुख्यालय से शुरू होगी अंतिम यात्रा

उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि 'पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का पार्थिव शरीर आज जनता के शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए उनके आवास 3, मोतीलाल नेहरू रोड, नई दिल्ली पर रखा जाएगा। कल 28 दिसंबर को सुबह 8 बजे उनका पार्थिव शरीर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय ले जाया जाएगा और जनता तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कल सुबह 8.30 से 9.30 बजे के बीच श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिलेगा। कल सुबह 9.30 बजे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय से डॉ. सिंह की अंतिम यात्रा शुरू होगी और अंतिम संस्कार स्थल पर पहुंचेगी।'

एम्स ने एक बुलेटिन में कहा कि 26 दिसंबर को ‘‘उनका आयु संबंधी चिकित्सा उपचार जारी था और वह घर पर अचानक बेहोश हो गए।’’ बुलेटिन में कहा गया, ‘‘उन्हें घर पर तत्काल होश में लाने के प्रयास किए गए। उन्हें रात आठ बजकर छह मिनट पर दिल्ली एम्स लाया गया। तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें होश में नहीं लाया जा सका और रात 9.51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।’’

मनमोहन सिंह: आर्थिक सुधारों के जनक और एक दृढ़ राजनेता

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारत में आर्थिक सुधारों के जनक, उसे लाइसेंस राज से मुक्त कराने वाले और देश को उस स्थिति से उबारने वाले उद्धारक के रूप में याद किया जाएगा जब इसका स्वर्ण भंडार भी गिरवी रख दिया गया था। एक दृढ़ राजनेता के तौर पर पहचान बनाने वाले डा. मनमोहन सिंह मौजूदा भारत के शिल्पकार और विद्वता के धनी इंसान थे। विनम्र, विद्वान, मृदुभाषी और आमसहमति में यकीन रखने वाले मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे।

कांग्रेस नेता के रूप में उन्होंने 2004-2014 तक 10 वर्षों के लिए देश का नेतृत्व किया और उससे पहले वित्त मंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को तैयार करने में मदद की। वह वैश्विक स्तर पर वित्तीय और आर्थिक क्षेत्र की एक मशहूर शख्सियत थे। उनकी सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई), शिक्षा का अधिकार (आरटीई) और मनरेगा जैसी युग परिवर्तनकारी योजनाओं की शुरूआत की। मनमोहन सिंह ने अभावों के बीच अपने जीवन की शुरूआत की। कभी बिजली से वंचित अपने गांव में मिट्टी के तेल के दीये की मंद रोशनी में पढ़ाई करने वाले मनमोहन सिंह आगे चलकर एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद बने। वह एक अनिच्छुक राजनेता थे, जिन्हें मुख्यधारा की उबड़-खाबड़ राजनीति रास नहीं आती थी।

मनमोहन ने प्रधानमंत्री पद स्वीकार करने से कर दिया था इनकार

सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के अनुरोध के बावजूद प्रधानमंत्री पद स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और जब उन्होंने इस शीर्ष पद के लिए मनमोहन सिंह को चुना तो हर किसी को बहुत हैरानी हुई। इस प्रकार अकादमिक नौकरशाह मनमोहन सिंह 2004 में भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने। उन्होंने पहली बार 22 मई 2004 को और दूसरी बार 22 मई, 2009 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।

मनमोहन सिंह ने 10 साल तक देश का नेतृत्व किया और इस दौरान सोनिया गांधी और सिंह के बीच समीकरणों को अक्सर संतुलित साझेदारी के उदाहरण के तौर पर उद्धृत किया जाता है। दोनों के बीच की समझ इस बात की मिसाल है कि कामकाजी संबंध वास्तव में कैसे होने चाहिए।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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