Mann Ki Baat: PM बोले- जो बच्चे कभी कागज का हवाई जहाज उड़ाते थे, उन्हें अब देश में रॉकेट बनाने का मौका मिल रहा है

Mann Ki Baat Today: पीएम मोदी ने आज एक बार फिर देश को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। यह कार्यक्रम 95वाँ एपिसोड है। पीएम मोदी ने कहा कि हम बहुत तेजी से ‘मन की बात’ के शतक की तरफ़ बढ़ रहे हैं ।

पीएम मोदी ने मन की बात के जरिए देश को संबोधित किया।

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 95वें एपिसोड के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। कार्यक्रम को शुरू करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये कार्यक्रम मेरे लिए 130 करोड़ देशवासियों से जुड़ने का एक और माध्यम है। उन्होंने कहा कि हर एपिसोड से पहले, गाँव-शहरों से आये ढ़ेर सारे पत्रों को पढ़ना, बच्चों से लेकर बुजुर्गों के audio message को सुनना, ये मेरे लिए एक आध्यात्मिक अनुभव की तरह होता है।

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जी 20 का किया जिक्र

जी 20 का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा,'G-20 की वैश्विक जनसंख्या में दो-तिहाई, वैश्विक व्यापार में तीन-चौथाई, और World GDP में 85% भागीदारी है | आप कल्पना कर सकते हैं - भारत अब से 3 दिन बाद यानी 1 दिसंबर से इतने बड़े समूह की, इतने सामर्थ्यवान समूह की, अध्यक्षता करने जा रहा है। G-20 की अध्यक्षता, हमारे लिए एक बड़ी अवसर बनकर आई है | हमें इस मौके का पूरा उपयोग करते हुए Global Good, विश्व कल्याण पर focus करना है। चाहे शांति हो या एकता, पर्यावरण को लेकर संवेदनशीलता की बात हो, या फिर सतत विकास की, भारत के पास, इनसे जुड़ी चुनौतियों का समाधान है। आने वाले दिनों में, देश के अलग-अलग हिस्सों में, G-20 से जुड़े अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे | इस दौरान, दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोगों को आपके राज्यों में आने का मौका मिलेगा।'

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विक्रम एस सैटेलाइटपीएम मोदी ने कहा, 'मेरे प्यारे देशवासियो, 18 नवंबर को पूरे देश ने Space Sector में एक नया इतिहास बनते देखा | इस दिन भारत ने अपने पहले ऐसे Rocket को अंतरिक्ष में भेजा, जिसे भारत के Private Sector ने Design और तैयार किया था | इस Rocket का नाम है – ‘विक्रम–एस.... श्रीहरिकोटा से स्वदेशी Space Start-up के इस पहले रॉकेट ने जैसे ही ऐतिहासिक उड़ान भरी, हर भारतीय का सिर गर्व से ऊँचा हो गया। साथियो, ‘विक्रम-एस’ Rocket कई सारी खूबियों से लैस है...सही में, ‘विक्रम-एस’ के Launch Mission को जो ‘प्रारम्भ’ नाम दिया गया है, वो बिल्कुल fit बैठता है | ये भारत में private space sector के लिए एक नए युग के उदय का प्रतीक है। आप कल्पना कर सकते हैं जो बच्चे कभी हाथ से कागज का हवाई जहाज बनाकर उड़ाया करते थे, उन्हें अब भारत में ही हवाई जहाज बनाने का मौका मिल रहा है। Space को private sector के लिए खोले जाने के बाद, युवाओं के ये सपने भी साकार हो रहे हैं | Rocket बना रहे ये युवा मानो कह रहे हैं - Sky is not the limit।'

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