गहलोत सरकार में कई मंत्री बलात्कारी, राजेंद्र गुढा ने लगाया बड़ा आरोप, राहुल गांधी पर भी साधा निशाना

Rajasthan Political crisis: राजस्थान सरकार से बर्खास्त किए गए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके कैबिनेट मंत्रियों पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि बलात्कारी हमारी विधानसभा में मंत्री परिषद के सदस्य बनकर बैठे हैं।

बर्खास्त किए गए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

Rajasthan Political crisis: कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मंगलवार को मंत्रालय में सदस्यों के कदाचारों को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ अपना हमला तेज करते हुए कहा कि मुझे जेल भेजो या गोली मार दो। मैं अपनी आखिरी सांस तक प्रदेश की बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए लड़ता रहूंगा। उन्होंने कहा कि मेरा नार्को टेस्ट करवाएं और सभी मंत्रियों का नार्को टेस्ट कराएं। जो लोग जेलों में महिलाओं के बलात्कार के आरोप में पड़े हैं उनसे बड़े बलात्कारी हमारी विधानसभा में मंत्री परिषद के सदस्य बनकर बैठे हैं। नार्को टेस्ट से जनता के सामने हकीकत आएगी। अगर आपका भाई राजेंद्र गुढा उस नार्को टेस्ट में विफल हो जाए तो मैं आपको अपना मुंह तक नहीं दिखाउंगा। मैं राजनीति छोड़ दूंगा। गुढ़ा ने कहा कि राहुल गांधी जी बोलते हैं, मेरा माइक बंद कर दिया, मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दिया गया। राहुल जी, आपका तो माइक बंद किया लेकिन मुझे तो बैठने के लिए तक सीट नहीं दी। मुझे मंत्री पद से बर्खास्त कर यह तक नहीं बताया कि मुझे बैठना कहां है।
गौर हो कि राजस्थान में महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता जताने के कुछ घंटों बाद 21 जुलाई को गुढ़ा को सीएम अशोक गहलोत ने बर्खास्त कर दिया था। उन्होंने मौजूदा राजस्थान विधानसभा सत्र के शून्यकाल के दौरान कहा था कि जिस तरह से हम राजस्थान में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहे हैं और महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, हमें मणिपुर का मुद्दा उठाने के बजाय आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
अपनी बर्खास्तगी के एक दिन बाद पूर्व मंत्री ने झुंझुनू जिले के अपने उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र में गहलोत सरकार के खिलाफ 'ऊंट यात्रा' निकाली। मीडिया से बातचीत में गुढ़ा ने कहा कि तब पता चलेगा कि हमारी सरकार में बलात्कारी बैठे हैं। रैली के बाद हम मंत्रियों और सरकार के कुकर्मों को उजागर करने के लिए राज्य के शेखावाटी क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में लोगों से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि मैं जनता की अदालत में उनसे यह पूछने जा रहा हूं कि विधानसभा में बोलने के मेरे अधिकार से वंचित किए जाने पर उनका क्या कहना है।
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