Mathura: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में सुनवाई टली, जानें अदालत ने क्या कहा
Mathura News Today: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में सुनवाई टल गई है। अदालत ने सुनवाई टालने के साथ इस मामले की पोषणीयता को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल आवेदन पर जवाब देने के लिए हिंदू पक्ष को समय दिया है। आपको इस रिपोर्ट में मामले से जुड़ा अपडेट बताते हैं।
शाही ईदगाह मामले में टली सुनवाई।
Sri Krishna Janmabhoomi-Shahi Eidgah Case: मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को सुनवाई टाल दी और इस मामले की पोषणीयता को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल आवेदन पर जवाब देने के लिए हिंदू पक्ष को समय दिया है।
तय की जाएगी सुनवाई की अगली तारीख
इस मामले में बुधवार को जब सुनवाई शुरू हुई, तो अधिवक्ता आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाने के आदेश की प्रति इस अदालत में पेश की गई। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने कहा कि वाद की पोषणीयता के संबंध में एक आवेदन दाखिल किया जाना है। अदालत ने कहा कि एक औपचारिक आदेश उनके चैंबर में दाखिल किया जाना है जिसमें सुनवाई की अगली तारीख तय की जाएगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वीकार ली थी अर्जी
14 दिसंबर, 2023 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने के लिए अदालत की निगरानी में अधिवक्ता आयुक्त की नियुक्ति करने की मांग वाली अर्जी स्वीकार कर ली थी। इससे पूर्व, अदालत ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को समेकित करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि इन मुकदमों की प्रकृति एक समान है।
'मस्जिद के नीचे है श्रीकृष्ण का जन्मस्थान'
जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच मामले में सुनवाई कर रही है। सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति पर फैसला होना अभी बाकी है। मुस्लिम पक्ष ने याचिका में की सर्वे पर रोक लगाने की मांग की। इस मामले में हाईकोर्ट के समक्ष लंबित मूल मुकदमे में दायर आवेदन में यह दावा किया गया था कि भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीचे है और ऐसे कई संकेत हैं जो स्थापित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर है, इसलिए सर्वे कराई जानी चाहिए। सर्वेक्षण के लिए याचिका में एक आयोग का गठन किया जाने की मांग की गई थी।
मस्जिद में सनातन प्रतीक चिन्ह होने का दावा
याचिका में आगे कहा गया था कि एक कमल के आकार का स्तंभ मौजूद हैं, जो हिंदू मंदिरों की एक उत्कृष्ट विशेषता है और शेषनाग की एक छवि भी है, जो हिंदू देवताओं में से एक हैं, जिन्होंने भगवान कृष्ण की उनके जन्म की रात में रक्षा की थी। आवेदन में यह भी कहा गया है कि मस्जिद के स्तंभ के आधार पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी भी दिखाई देती है।
(इनपुट- भाषा)
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