पूजास्थल कानून के खिलाफ है शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे का आदेश : मौलाना मदनी

Maulana Madani News : मौलाना मदनी ने कहा कि देश में हलाल का कोई विवाद नहीं है और सिर्फ उत्तर प्रदेश में था, जो खत्म हो चुका है। अलग-अलग राज्यों में मांस की दुकानों को बंद करने को लेकर कहा कि खुले में मांस बेचना सही नहीं है और इसकी बिक्री पर्दे में होनी चाहिए।

मौलाना मदनी ने अंत तक कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही।

Maulana Madani News : जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मथुरा स्थित शाही ईदगाह का सर्वेक्षण कराने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय फैसले से असहमति जताते हुए शुक्रवार कहा कि यह निर्णय 1991 के पूजास्थल अधिनियम के खिलाफ है। मौलाना मदनी ने कहा कि जबतक यह कानून है तबतक इस तरह के निर्णय ठीक नहीं है, ऐसे में इस कानून को खत्म कर दें और फिर जो चाहें वो करें।

'बाबरी मस्जिद को लेकर भी वे सही नहीं थे'

उन्होंने कहा कि इस्लाम का उसूल का है कि अगर किसी जगह को उजाड़ कर कोई मस्जिद बनाई जाती है तो वह मस्जिद नहीं है। उन्होंने कहा, 'हमारा दावा है कि जितनी मस्जिदों पर वे (हिंदू पक्ष) दावा करते हैं, वे सही नहीं हैं और बाबरी मस्जिद को लेकर भी वे सही नहीं थे। (बाबरी मस्जिद के सिलसिले में) उच्चतम न्यायलय ने फैसला दिया है कि किसी मंदिर को तोड़कर उस मस्जिद को नहीं बनाया गया था।'

सर्वेक्षण तो बाबरी मस्जिद का भी हुआ था : मदनी

मदनी ने कहा, 'अदालत ने आस्था की बुनियाद पर बाबरी मस्जिद की जगह को मंदिर बनाने के लिए दे दिया और यह बात साबित हो गई कि मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी। ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए अदालत के आदेश पर उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से क्या होता है, सर्वेक्षण तो बाबरी मस्जिद का भी हुआ था, 'सर्वेक्षण ने ही तो बताया था कि मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी।'

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