'विमान किराये की आड़ में यात्रियों का दोहन हो बंद', विपक्षी सांसदों ने की किरायों की अधिकतम सीमा तय करने की मांग

Airfare: लोकसभा में शुक्रवार को विपक्ष के कई सदस्यों ने सरकार से आग्रह किया कि विमानन कंपनियों की मनमानी पर नियंत्रण करते हुए हवाई किरायों की अधिकतम सीमा तय की जाए। कांग्रेस के डीन कुरियाकोस ने कहा कि हवाई किरायों में बेतहाशा बढ़ोतरी की ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए। समाजवादी पार्टी के आनंद भदौरिया ने कहा कि 'हवाई चप्पल वालों को हवाई यात्रा' का सरकार का नारा विफल साबित हुआ है।

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विमान किराया

Airfare: लोकसभा में शुक्रवार को विपक्ष के कई सदस्यों ने सरकार से आग्रह किया कि विमानन कंपनियों की मनमानी पर नियंत्रण करते हुए हवाई किरायों की अधिकतम सीमा तय की जाए। सदन में गैर-सरकारी कामकाज के तहत कांग्रेस सदस्य शफी परम्बिल के ‘देश में हवाई यात्रा किराये के विनियमन के लिए उचित उपाय’ संबंधी निजी संकल्प पर चर्चा में भाग लेते हुए विपक्षी सदस्यों ने समय-समय पर हवाई किरायों में बेतहाशा बढ़ोतरी का विषय उठाया।

'हवाई किरायों में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी'

कांग्रेस के डीन कुरियाकोस ने कहा कि हवाई किरायों में बेतहाशा बढ़ोतरी की ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को विमानन संबंधी संसदीय समिति की उस सिफारिश पर अमल करना चाहिए जिसमें बिना वजह किराया बढ़ाने पर विमानन कंपनियों पर जुर्माने की बात की गई थी। कुरियाकोस ने कहा, ''हम किसी परोपकार की मांग नहीं कर रहे हैं। हमारी मांग सिर्फ यह है कि विमान किराये की आड़ में यात्रियों का दोहन बंद होना चाहिए।''

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समाजवादी पार्टी के आनंद भदौरिया ने कहा कि 'हवाई चप्पल वालों को हवाई यात्रा' का सरकार का नारा विफल साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज का हवाई किराया इतना ज्यादा था कि आम आदमी विमान से यात्रा करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था। भदौरिया ने कहा कि 1994 से पहले हवाई किराये पर सरकार का पूर्ण नियंत्रण था, लेकिन बाद में कानून में बदलाव के बाद नियंत्रण विमानन कंपनियों का हो गया।

उन्होंने कहा कि हवाई किराये की अधिकतम सीमा तय होनी चाहिए ताकि विमानन कंपनियां उस तय सीमा से ऊपर किराया नहीं बढ़ा सकें।

सपा सांसद ने नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू से आग्रह किया कि विमानन कंपनियों के व्यावसायिक हितों और यात्रियों के बीच संतुलन वाली नीति बनाई जाए।

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तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि 2019 से 2024 के बीच भारत घरेलू विमानन बाजार में हवाई किरायों में 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। उन्होंने कहा कि किरायों में इस तरह की बढ़ोतरी से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। महुआ ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि हवाई सुविधा किफायती रहे।

किरायों की सीमा हो तय

निर्दलीय राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि यह सरकार 'आपदा में अवसर' ढूंढती है और वह देखती है कि लोगों की जेब से कैसे पैसे निकाले जाएं। उन्होंने भी मांग की कि किरायों की सीमा तय की जानी चाहिए। कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने कहा कि ‘हवाई चप्पल के साथ हवाई यात्रा’ की बात सिर्फ हवाबाजी है। उन्होंने कहा कि हवाई किराये को नियंत्रित करने के लिए सरकार को प्रभावी कदम उठाना चाहिए।

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अनुराग गुप्ता author

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