मायावती के बाद अखिलेश ने भी मुख्तार अंसारी की मौत पर उठाए सवाल, उच्चस्तरीय जांच की मांग
Mukhtar Ansari News: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह गैर कानूनी है। जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
मुख्तार अंसारी की मौत पर सपा-बसपा ने उठाए सवाल
Mukhtar Ansari News: बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात हार्ट अटैक से मौत हो गई। उसकी मौत पर बसपा के बाद अब समाजवारी पार्टी ने भी सवाल खड़े किए हैं। बसपा सुप्रिमो मायावती ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वहीं, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच की मांग की है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि अंसारी की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई वह अत्यधिक चिंताजनक है।
बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो आशंका जताई गई है व आरोप लगाए गए हैं, उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहने की शक्ति दे।
अखिलेश ने दागे सवाल
सपाा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर एक लंबा पोस्ट किया। उन्होंने कहा, हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा। उन्होंने आगे कहा, ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह गैर कानूनी है। जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
रामगोपाल यादव ने भी की जांच की मांग
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने लिखा कि पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई, वह अत्यधिक चिंताजनक है। उन्होंने न्यायालय में अर्ज़ी देकर पहले ही खाने में जहर मिलाकर अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी। मौजूदा व्यवस्था में न कोई जेल में कोई सुरक्षित है, न ही पुलिस कस्टडी में और न ही अपने घर में। प्रशासनिक आतंक का माहौल पैदा करके लोगों को मुंह बंद रखने को विवश किया जा रहा है। राम गोपाल यादव ने पूछा, क्या मुख़्तार अंसारी द्वारा न्यायालय में दी गयी अर्ज़ी के आधार पर कोई न्यायिक जांच के आदेश करेगी यूपी सरकार?
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