अखिलेश के '2024' प्लान को मायावती ने किया डिकोड, PDA को बताया परिवार दल अलायंस
Lok Sabha Elections: बसपा सुप्रीमो ने एक ट्वीट में कहा है कि सपा द्वारा एनडीए के जवाब में पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) का राग, इन वर्गों के अति कठिन समय में भी केवल तुकबन्दी के सिवाय और कुछ नहीं। इनके पीडीए का वास्तव में अर्थ परिवार, दल, एलाइन्स है जिस स्वार्थ में यह पार्टी सीमित है।
बसपा सुप्रीमो मायावती
Lok Sabha Elections: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भले ही अभी वक्त हो, लेकिन सियासत के शतरंज में बिसातें बिछना अभी से शुरू हो गई हैं। एक तरफ भाजपा है तो दूसरी तरफ विपक्षी दल। इन विपक्षी पार्टियों का एक ही उद्देश्य है कि किसी भी तरीके से नरेंद्र मोदी को फिर से सत्ता हासिल करने से रोका जाए।
इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नई रणनीति तैयार की है। उन्होंने भाजपा को रोकने के लिए जातीय समीकरण तैयार किया है। उन्होंने इसको PDA नाम दिया है। उन्होंने कहा है कि वह पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक के गठजोड़ से भाजपा को हराएंगे।
मायावती ने बोला हमला
अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव पर हमला बोला है। उन्होंने सोमवार को एक ट्वीट में कहा है कि सपा द्वारा एनडीए के जवाब में पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) का राग, इन वर्गों के अति कठिन समय में भी केवल तुकबन्दी के सिवाय और कुछ नहीं। इनके पीडीए का वास्तव में अर्थ परिवार, दल, एलाइन्स है जिस स्वार्थ में यह पार्टी सीमित है। इसीलिए इन वर्गों के लोगों को जरूर सावधान रहने की जरूरत है।
मायावती क्यों हैं नाराज
दरअसल, दलित और पिछड़ा वर्ग मायावती का कोर वोटर है। अखिलेश यादव इसी वोटबैंक को आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा से छीनना चाहते हैं। समाजवादी पार्टी का मानना है कि अल्पसंख्यक वोट उसके साथ है। अगर दलित वोट भी उसके पक्ष में आया गया तो वह भाजपा को हरा सकती है, लेकिन मायावती किसी भी हाल में दलित वोटबैंक को खोना नहीं चाहती हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जब अखिलेश यादव ने मायावती के साथ चुनाव लड़ा था, तब भी सीधा फायदा बसपा को ही हुआ था। इस चुनाव में बसपा की सीटों में इजाफा हुआ था। जबकि, मायावती अपना वोटबैंक सपा के खातें में ट्रांसफर नहीं करवा सकी थींं।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author
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