मायावती ने लिया यू-टर्न, भतीजे आकाश आनंद को फिर बनाया उत्तराधिकारी; जानें फैसले की बड़ी बातें

UP Politics : बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने उस फैसले को पलट दिया, जिसमें उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी। मायावती ने एक बार फिर से अपने भतीजे को 'उत्तराधिकारी' बनाया दिया है। जिसकी जानकारी बसपा नेता सरवर मलिक ने साझा की है।

Mayawati Big Announcement

चुनाव बीतते ही मायावती ने मारी 'पलटी'!

Mayawati Big Announcement: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने करीब डेढ़ माह बाद अपना फैसला पलटते हुए रविवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के राष्‍ट्रीय समन्वयक का दायित्व सौंपते हुए उन्हें फिर से अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। इसके पहले लोकसभा चुनाव के बीच में ही सात मई को उन्होंने आकाश आनंद को अ‍परिपक्‍व करार देते हुए इन दायित्वों से मुक्त कर दिया था।

मायावती ने फिर अपने भतीजे को बनाया उत्तराधिकारी

बसपा नेता सरवर मलिक ने इस फैसले की जानकारी साझा करते हुए ये कहा कि 'बीएसपी प्रमुख मायावती ने आकाश आनंद (मायावती के भतीजे) को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। आकाश आनंद पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक होंगे।' बसपा प्रदेश कार्यालय में पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को राष्‍ट्रीय स्‍तर की बैठक आयोजित की जिसमें केंद्रीय पदाधिकारियों के अलावा राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्‍ठ पदाधिकारी शामिल हुए।

आकाश आनंद के कंधों पर सौंपा पार्टी का जिम्मा

लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद पहली बार आयोजित इस बैठक में अनेक मुद्दों पर गहन समीक्षा की गयी। बैठक के बाद पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'बसपा की राष्‍ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आकाश आनंद को पूरी परिपक्‍वता के साथ पार्टी में कार्य करने के लिए फिर से मौका दिया है। यह पूर्व की तरह ही पार्टी में अपने सभी पदों पर बने रहेंगे। अर्थात यह पार्टी के राष्‍ट्रीय समन्वयक (कोऑर्डिनेटर) के साथ-साथ मेरे एकमात्र उत्तराधिकारी भी बने रहेंगे।'

चुनाव के दौरान भतीजे के खिलाफ की थी कार्रवाई

इसके पहले लोकसभा चुनाव के दौरान सात मई की शाम को मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने 'उत्तराधिकारी' और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था। बसपा प्रमुख ने पिछले वर्ष दिसंबर माह में आकाश आनंद को अपना 'उत्तराधिकारी' घोषित किया था और उन्हें हटाने का आश्चर्यजनक फैसला उस वक्त लिया गया जब देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए मतदान संपन्न हो गया।
बसपा प्रमुख ने सात मई की रात 'एक्‍स' पर पोस्ट किये गये अपने एक संदेश में कहा था, 'बसपा एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के आत्म-सम्मान, स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी आंदोलन है, जिसके लिए कांशीराम जी व खुद मैंने भी अपनी पूरी जिंदगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।’’

मायावती ने ही भतीजे को सौंपी थी पार्टी की जिम्मेदारी

अपने सिलसिलेवार पोस्‍ट में मायावती ने कहा, 'इसी क्रम में पार्टी में अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया लेकिन पार्टी व आंदोलन के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।'
सीतापुर में एक चुनावी रैली में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में आनंद और चार अन्य के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद ही मायावती ने यह कदम उठाया था। लोकसभा चुनाव में अकेले दम पर मैदान में उतरी बसपा को इस बार राज्य में 80 सीटों में एक भी सीट पर जीत नहीं मिली।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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