पटना में विपक्षी दलों की बैठक पर मायावती ने कसा तंज, दिल मिले या ना मिले हाथ मिलाते रहिए

Mayawati News: केंद्र सरकार के खिलाफ 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है। उससे ठीक पहले मायावती ने कहा कि अगर आप यूपी की 80 सीटों के बारे में नहीं सोचते तो आखिर उसका फायदा क्या होगा।

मायावती, बीएसपी की अध्यक्ष

Mayawati News: आम चुनाव 2024 से पहले विपक्षी दल एकजुट होने की कवायद कर रहे हैं। विपक्षी दलों का यह गठबंधन कितना आगे बढ़ेगा या बीच सड़क पर ही सबके रास्ते अलग अलग हो जाएंगे वो तो आने वाला समय बताएगा। इन सबके बीच 23 जून को पटना में बड़ी बैठक होने वाली है। उस बैठक से पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने निदा फाजली की गजल (दिल मिले या ना मिले हाथ मिलाते रहिए) के जरिए विपक्षी एकता की कोशिश पर तंज कसा। उनकी इस टिप्पणी के बाद जेडीयू ने कहा बहुजन समाज पार्टी को न्यौता नहीं भेजा गया। वहीं यूपी में समाजवादी पार्टी के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी मे पहले से तय पारिवारिक कार्यक्रम का हवाला देकर बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।

मायावती ने कोसा

मायवती ने कहा कि क्षेत्रीय दल एक ही पृष्ठ पर नहीं हैं। बेहतर होता अगर 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ऐसे गठबंधन की तैयारी करने से पहले ये पार्टियां अपना मन और इरादा साफ कर लेतीं। यूपी में 80 लोकसभा सीटें अहम हैं लेकिन बीजेपी के रवैये से ऐसा नहीं लगता विपक्षी दल। क्या वे गंभीर हैं? सही प्राथमिकताओं के बिना, क्या कोई बदलाव होगा?" मायावती ने एक लंबे ट्विटर पोस्ट में लिखा। विपक्षी नेताओं की मेगा बैठक उन बैठकों की परिणति के रूप में आती है जो नीतीश कुमार ने कई विपक्षी मुख्यमंत्रियों के साथ की थी और चुनाव से पहले एकजुट विपक्ष पर गेंद डाली थी। एकजुट विपक्ष के लक्ष्य की दिशा में यह पहली ऐसी बैठक है - जिसमें राहुल गांधी के शामिल होने की संभावना है।

कौन-कौन होगा शामिल?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार विपक्ष की पहली उच्च स्तरीय बैठक में शामिल होने की उम्मीद रखने वालों में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं।

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