'मायावती मेरी नेता रही हैं, उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा', BSP सुप्रीमो पर चुप्पी क्यों साध गए SP के 'स्वामी'
Swami Prasad Maurya: हाल ही में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में ASI सर्वे कराए जाने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मस्जिद के नीचे मंदिर था, तो उससे पहले क्या था? इसकी भी जांच की जानी चाहिए।
स्वामी प्रसाद मौर्या
Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने मायावती को लेकर बड़ा बयान दिया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि मायावती मेरी नेता रही हैं, मैं उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा। बता दें, स्वामी प्रसाद मौर्या का यह बयान तब आया है, जब मायावती ने उन पर निशाना साधा था और चुनाव से पहले समुदायों के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया था।
दरअसल, हाल ही में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में ASI सर्वे कराए जाने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मस्जिद के नीचे मंदिर था, तो उससे पहले क्या था? इसकी भी जांच की जानी चाहिए। सपा नेता ने दावा किया था कि ज्यादातर मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं। इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्वामी प्रसाद मौर्या पर हमला बोला था।
हर मंदिर में न ढूंढे मस्जिद
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा, जब हर मंदिर में मस्जिद को ढूंढा जाएगा तो हर मंदिर में लोग बौद्ध मठ भी ढूंढेंगे। उन्होंने, कहा भाजपा साजिश के तहत देश के सांप्रदायिक सौहाद्द को बिगाड़ना चाहती है। वह चाहती है कि देश में शांति कायम न रहे। उन्होंने कहा, हर मस्जिद में मंदिर ढूंढने की परंपरा भाजपा को भारी पड़ेगी, इसलिए 15 अगस्त 1947 के पहले जिस धार्मिक स्थल की जो स्थिति है, उसे वैसा ही रहने देना चाहिए। लोगों से अपील है कि आपसी लड़ाई में न उलझें।
बौद्ध मठों के समर्थन में पेश किए दस्तावेज
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्या ने बद्रीनाथ धाम समेत कई मंदिरों में बौद्ध मठों को तोड़े जाने को लेकर दस्तावेज भी पेश किए। उन्होंने कहा, रामेश्वरम का मंदिर भी बौद्ध मठ को तोड़कर बनाया गया था। उन्होंने कहा, राहुल सांकृत्यायन ने अपनी किताब में लिखा है कि बद्रीनाथ की मूर्ति बुद्ध की है।
अयोध्या के बाद न खड़ा करें कोई नया विवाद
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा, मेरी कोई मांग नहीं है, मैं बस इतना कहूंगा कि सभी लोग 15 अगस्त 1997 की डेड लाइन का पालन करें और आयोध्या के बाद देश में कोई नया विवाद न खड़ा करें। हमें सभी की आस्था का सम्मान करते हुए भाई चारा स्थापित करना चाहिए। यही हमारा संविधान भी कहता है।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author
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