कंडोम,थर्मामीटर से लेकर इन मेडिकल डिवाइस का होगा रजिस्ट्रेशन,ग्राहकों को होगा ये फायदा

Medical Device New Rules:स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार A और B कैटेगरी के मेडिकल डिवाइस के निर्माता और आयात करने वाले कारोबारियों को अब रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। इसके लिए उसे केंद्रीय या फिर राज्य स्तरीय लाइसेंसिंग अथॉरिटी के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। नए नियम एक अक्टूबर 2022 से लागू कर दिए गए हैं।

मेडिकल डिवाइस के लिए बदले नियम

मुख्य बातें
  • मेडिकल डिवाइस को उनके जोखिम के आधार पर चार कैटेगरी में रखा गया है।
  • A और B कैटेगरी के मेडिकल डिवाइस, कम और हल्के जोखिम वाले कैटेगरी में आते हैं।
  • इसमें थर्मामीटर, मेडिकल सीरिंज, कुछ कैथेटर, कंडोम, फेस मास्क जैसे मेडिकल डिवाइस आते हैं।
Medical Device New Rules: अब कोई भी स्टोर बिना रजिस्ट्रेशन किए हुए कंडोम (Condom),थर्मामीटर (Thermometer), फेस मॉस्क (Face Mask), कैथेटर (Catheter) जैसे मेडिकल डिवाइस (Medical Device) की बिक्री नहीं कर पाएगा। बिक्री के लिए मैन्युफैक्चर्स और आयातक को केंद्र या राज्य स्तर की लाइसेसिंग अथॉरिटी के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। नए नियम के जरिए A और B कैटेगरी के मेडिकल डिवाइस की ट्रैकिंग की जा सकेगी। और किसी गड़बड़ी के समय उन्हें रिकॉल करना आसान हो सकेगा। साथ ही बिक्री स्टोर पर भी भंडारण से लेकर लाइटिंग आदि के मानकों का पालन करना होगा। इस कदम का सीधा फायदा ग्राहकों को मिल सकेगा।
एक अक्टूबर से लागू हुआ नया नियम

मेडिकल डिवाइस रजिस्ट्रेशन के नए नियम जारी

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार A और B कैटेगरी के मेडिकल डिवाइस के निर्माता और आयात करने वाले कारोबारियों को अब रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। यानी अगर कोई व्यक्ति A और B कैटेगरी के मेडिकल डिवाइस का उत्पादन करता है, या फिर उसका दूसरे देश से आयात और बिक्री करता है। तो उसे केंद्रीय या फिर राज्य स्तरीय लाइसेंसिंग अथॉरिटी के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बिना वह न तो इन मेडिकल डिवाइस का उत्पादन कर सकेगा, न आयात कर सकेगा। नए नियम एक अक्टूबर 2022 से लागू कर दिए गए हैं।
ग्राहकों को क्या फायदा
रजिस्ट्रेशन की वजह से इन मेडिकल डिवाइस की ट्रैंकिंग करना आसान हो जाएगा। ऐसे में किसी शिकायत के समय, उनकी ट्रैकिंग आसानी से होगी। किसी डिवाइस को अगर रिकॉल किया जाएगा, तो ग्राहकों को भी उसका फायदा मिलेगा। और डिफेक्टेड प्रोडक्ट को रिप्लेस करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा बिक्री स्टोर पर ऐसे उत्पादों के लिए तय जगह (Space) होना जरूरी होगा। इसके अलावा वहां लाइट आदि दूसरी जरूरी सुविधाएं होना भी जरूरी होगा। साथ ही स्टोर पर बिक्री करने वाला एक टेक्निकल स्टॉफ होना जरूरी होगा। इसके लिए व्यक्ति के पास फॉर्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन या ग्रैजुएशन की डिग्रा या फिर इंटरमीडिए पास होने के साथ-साथ एक साल से मेडिकल डिवाइस की बिक्री का अनुभव होना जरूरी होगा।
क्या होते हैं A और B कैटेगरी के मेडिकल डिवाइस
मेडिकल डिवाइस को उनके जोखिम के आधार पर चार कैटेगरी में रखा गया है। इसमें A और B कैटेगरी के मेडिकल डिवाइस, कम और हल्के जोखिम वाले कैटेगरी में आते हैं। भारत में इसके तहत थर्मामीटर, मेडिकल सीरिंज, कुछ कैथेटर, कंडोम, फेस मास्क जैसे मेडिकल डिवाइस आते हैं। अब उन मेडिकल डिवाइस की बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। जिसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा।
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