Menstrual Leave: 'वर्कप्लेस पर पीरियड के दौरान महिलाओं को मिले छुट्टी...' याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई; नीति बना सकती है केंद्र सरकार

Periods Leave Policy in India: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को वर्कप्लेस से छुट्टी मिले या नहीं? इस मामले पर केंद्र सरकार को विचार कर नीति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा, इसमें एक पहलू यह है कि हो सकता है कि 'पीरियड लीव' वजह से कंपनियां महिलाओं को नौकरी देने में आनाकानी करें।

Menstrual Leave

Periods Leave in India: पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान महिलाओं को छुट्टी मिले या नहीं? इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिका पर तुरंत आदेश देने से फिलहाल इंकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार को आदर्श नीति बनाने के लिए कहा है। बता दें, महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अवकाश देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।

याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले में केंद्र को नीति बनाने पर विचार करना चाहिए। और यह देखना चाहिए कि 'पीरियड लीव' पर कोई आदर्श नीति बनाई जा सकती है या नहीं। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव के पास जाने को कहा। चीफ जस्टिस ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इस पर नीति बनाने से पहले केंद्र और राज्य सरकारों से सलाह मशविरा करें।

हो सकते हैं दो पहलू

मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान वर्कप्लेस से छुट्टी मिले या नहीं? इसके दो पहलू हो सकते हैं। पहला यह कि इस पर नीति आने से महिलाओं की नौकरी करने में भागीदारी बढ़ेगी ओर वर्कफोर्स में उनकी हिस्सेदारी भी बढ़ेगी। दूसरा- ऐसा भी हो सकता है कि इन छुट्टियों की वजह से लोग महिलाओं को नौकरी देने में आनाकानी करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे में सभी सरकारों को इस पर बातचीत करके पॉलिसी बनाने की ओर बढ़ना चाहिए।

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