Uttarkashi Tunnel Crisis: टनल में फंसे 40 श्रमिकों को निकालेगा 'बाहुबली', 25 टन वजनी ऑगर मशीन ने शुरू की ड्रिलिंग
Auger Drill Machine : ऑगर मशीन एक घुमावदार आकार का एक उपकरण है जिसका इस्तेमाल जमीन एवं कठोर सतह एवं धातुओं की खुदाई (ड्रिलिंग) में किया जाता है। इसके ब्लेड इतने मजबूत एवं धारदार एवं सख्त होते हैं कि ड्रिलिंग के दौरान कठोर से कठोर मलबे, संरचना एवं तत्व को आसानी से भेद देते हैं।
उत्तरकाशी टनल संकट।
Auger Drill Machine : उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए दिल्ली से भारी ऑगर मशीन वहां पहुंचा दी गई हैं। ये ऑगर मशीन मलबे में खुदाई करेगी। इस ऑगर मशीन का वजन करीब 25 टन है। यह मशीन एक घंटे में चार-पांच मीटर तक मलबे को भेद सकती है। सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से में बीते 80 घंटों से मजदूर फंसे हुए हैं। सुरंग में मंगलवार रात हुए ताजा भूस्खलन की वजह से ड्रिलिंग को रोकना पड़ा था। इसके बाद ड्रिलिंग के लिए स्थापित की गई ऑगर मशीन भी खराब हो गई थी जिससे बचाव कार्य में बाधा आई। बचाव कार्य तेज चलाने के लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन को दो हिस्सों में दिल्ली से भारतीय वायुसेना के हरक्यूलिस विमानों से चिन्यालीसौड़ हवाईअडडे पहुंचा दिया गया।
क्या होती है ऑगर मशीन?
ऑगर मशीन एक घुमावदार आकार का एक उपकरण है जिसका इस्तेमाल जमीन एवं कठोर सतह एवं धातुओं की खुदाई (ड्रिलिंग) में किया जाता है। इसके ब्लेड इतने मजबूत एवं धारदार एवं सख्त होते हैं कि ड्रिलिंग के दौरान कठोर से कठोर मलबे, संरचना एवं तत्व को आसानी से भेद देते हैं। जमीन, मलबे, पत्थर, लड़की और दीवार में ड्रिलिंग करने के लिए अलग-अलग ऊंचाई एवं आकार की ऑगर मशीनें होती हैं। जरूरत के हिसाब से बाजार में 4 इंच, छह इंच, आठ इंच, 12 इंच और 18 इंच की डॉयमीटर वाली ऑगर मशीनें उपलब्ध हैं। बर्फ में छेद करने के लिए आइस ऑगर, जमीन में ड्रिल करने के लिए अर्थ ऑगर का इस्तेमाल होता है। इनके अलावा हैंड ऑगर और गार्डेन ऑगर भी मिलते हैं।
25 टन वजनी है यह ऑगर मशीन
राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के निदेशक अंशु मनीष खाल्खो ने मौके पर संवाददाताओं को बताया कि करीब 25 टन वजनी अत्याधुनिक और भारी ऑगर मशीन मंगलवार को सुरंग में लगायी गयी मशीन की जगह लेगी। उन्होंने बताया कि इस भारी ऑगर मशीन की भेदन क्षमता बहुत ज्यादा है और इस मशीन के जरिए एक घंटे में चार—पांच मीटर तक मलबे के अंदर भेदा जा सकता है।
10 घंटों में 50 मीटर मलबे को भेद सकती है
खाल्खो ने कहा, 'जैसे ही मशीन आएगी, हम उसे स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे और चार—पांच घंटों में इससे ड्रिलिंग शुरू कर दी जाएगी । इसकी भेदन क्षमता को देखते हुए हमें उम्मीद है कि हम 10 घंटों में 50 मीटर मलबे को भेद सकते हैं।' उन्होंने कहा कि फंसे श्रमिकों को बाहर निकाले जाने की सही समय सीमा बताना संभव नहीं है लेकिन हमारा प्रयास जल्द से जल्द उन्हें बाहर लाने का रहेगा। अधिकारी ने कहा कि सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और बचावकर्मियों का उनसे लगातार संपर्क बना हुआ है।
पाइप से पहुंचाई जा रही खाद्य सामग्री
घटनास्थल पर जारी बचाव अभियान की अद्यतन जानकारी देते हुए एनएचआइडीसीएल द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंगलवार को स्थापित किए गए ड्रिलिंग उपकरण को इसलिए बदला जा रहा है क्योंकि इसकी काम करने की गति धीमी थी। अधिकारियों ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें पाइप के जरिए लगातार ऑक्सीजन, पानी, सूखे मेवे सहित अन्य खाद्य सामग्री, बिजली, दवाइयां आदि पहुंचाई जा रही है।
परिजन धैर्य खो रहे
उधर, पिछले तीन दिनों से अधिक समय से फंसे श्रमिकों के परिजन अब अपना धैर्य खोते जा रहे हैं। श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयासों में हो रही देरी के विरोध में उनके परिजनों ने निर्माणाधीन सुरंग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। मलबे के अंदर ड्रिलिंग कर पाइपों से 'एस्केप टनल' तैयार करने के लिए मंगलवार को स्थापित की गयी मशीनों के काम न करने पर उसके स्थान पर कोई वैकल्पिक योजना न होने पर प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा जताया ।
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