मौसम की मार: उत्तर और मध्य भारत में पारा 50 के पार, तो नॉर्थ-ईस्ट में भारी बारिश से 35 की मौत
उत्तर और मध्य भारत के कई हिस्से मंगलवार को भीषण गर्मी की चपेट में रहे और राजस्थान के चुरू और हरियाणा के सिरसा में पारा 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
कहीं हीटवेव तो कहीं भारी बारिश
Heatwave And Heavy Rain: पूरे भारत में मौसम की मार ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कहीं पारा 50 के पार पहुंच रहा है तो कहीं भारी बारिश से लोगों की जान जा रही है। उत्तर और मध्य भारत में प्रचंड हीटवेव का दौर चल रहा है जिसने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। जबक उत्तर-पूर्व राज्यों में भारी बारिश कहर मचा रही है। यहां कई लोगों की जान चली गई है। मौसम अपने रौद्र रूप में है और लोग राहत की दुआ मांग रहे हैं।
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भीषण गर्मी की चपेट में रहे कई राज्यउत्तर और मध्य भारत के कई हिस्से मंगलवार को भीषण गर्मी की चपेट में रहे और राजस्थान के चुरू और हरियाणा के सिरसा में पारा 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं दिल्ली में पारा सामान्य से नौ डिग्री ऊपर पहुंच गया। दिल्ली के कम से कम तीन मौसम केंद्रों ने अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान दर्ज किया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दिल्ली के मुंगेशपुर और नरेला में तापमान 49.9 डिग्री, इसके बाद नजफगढ़ में 49.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
चुरू में तापमान 50.5 डिग्री सेल्सियस
राजस्थान का चुरू 50.5 डिग्री सेल्सियस के अधिकतम तापमान के साथ देश का सबसे गर्म स्थान रहा, इसके बाद हरियाणा में सिरसा-एडब्ल्यूएस में 50.3 डिग्री सेल्सियस, सिरसा में 49.5 डिग्री सेल्सियस, दिल्ली के मुंगेशपुर और नरेला में 49.9 डिग्री सेल्सियस, नजफगढ़ में 49.8 डिग्री सेल्सियस, राजस्थान के गंगानगर में 49.4 डिग्री सेल्सियस, राजस्थान में पिलानी और फलोदी और यूपी के झांसी में49 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।
चिलचिलाती गर्मी के कारण हरियाणा सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां मंगलवार तक के लिए बढ़ा दी हैं। आईएमडी ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से नमी आने के कारण तीन दिनों के बाद देश के उत्तर-पश्चिम और मध्य भागों में गर्मी से राहत की उम्मीद है। उत्तर-पश्चिम भारत में कुछ गरज के साथ बारिश हो सकती है और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बारिश हो सकती है।
चक्रवात रेमल के कारण भारी बारिश से 35 लोगों की मौत
चक्रवात रेमल के कारण हुई भारी बारिश और तूफान के कारण पूर्वोत्तर राज्यों में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई। इसमें सबसे अधिक प्रभावित मिजोरम भी शामिल है, जबकि दर्जनों लोग अभी भी लापता हैं। सैकड़ों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। भारी बारिश ने घरों को बर्बाद कर दिया और बिजली की लाइनें ध्वस्त हो गईं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि चक्रवात रेमल के बाद भूस्खलन और लगातार बारिश के कारण मिजोरम में मंगलवार को पत्थर की खदान ढहने से 14 लोगों सहित कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई।
असम में चक्रवात के बाद भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण चार लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए। नागालैंड में चार लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा, जबकि मेघालय में भारी बारिश के कारण दो लोगों की मौत हो गई और 500 से अधिक अन्य घायल हो गए। चक्रवात ने रविवार आधी रात के आसपास बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल में दस्तक दी, और तट पर हवा की गति 135 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई थी। इससे यहां व्यापक नुकसान हुआ है।
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