Milk Price: दूध उत्पादन में आई कमी तो कर्नाटक ने नहीं बढ़ाए दाम, इस तरह दी लोगों को राहत

पिछले कुछ वर्षोों में देश के कई हिस्सों में दूध के दाम बेतहाशा बढ़ाए गए हैं। कई दूध कंपनियों ने फरवरी में दूध की कीमतों में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी।

Milk Price

कर्नाटक दूध की आपूर्ति में भारी कमी से जूझ रहा है

Milk Price in Karnataka: आम तौर पर दूध की मांग बढ़ने या इसकी कमी होने पर अधिकतर राज्यों में तुरंत इसके दाम बढ़ा दिए जाते हैं। लेकिन कर्नाटक में दूध की कमी होने के बाद राज्य सरकार ने सबसे अलग तरह का कदम उठाया है। कर्नाटक दूध की आपूर्ति में भारी कमी से जूझ रहा है और राज्य सरकार ने आम आदमी के दर्द को दूर करने के लिए एक आसान रास्ता अपनाया है।

उसी कीमत पर पैकेट में कम दूध

दूध की कमी होने पर कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन (KMF) ने अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) नहीं बढ़ाया है, लेकिन उसी कीमत पर दूध की मात्रा कम कर दी है। यानी पुराने दाम पर पैकेट में कम दूध दिया जा रहा है। कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन 'नंदिनी' ब्रांड के तहत दूध बेचता है और लोग एक लीटर फुल-क्रीम दूध के लिए 50 रुपये और आधा लीटर के लिए 24 रुपये का भुगतान करते थे। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अब उपभोक्ता 900 मिलीलीटर और 450 मिलीलीटर के लिए 50 रुपये और 24 रुपये खर्च कर रहे हैं।

डेयरी क्षेत्र में नया कदम

देश में पिछले कुछ दशकों में उत्पाद पैकेटों में मिलने लगे हैं, चाहे वह आलू के चिप्स हों या डिटर्जेंट और वक्त से साथ इनकी मात्रा कम होती जा रही है। हालांकि पुरानी कीमत पर कम मात्रा में उत्पाद देना उपभोक्ता सामान कंपनियों के बीच एक आम चलन है, लेकिन डेयरी क्षेत्र में कुछ नया है। पिछले कुछ वर्षोों में देश के कई हिस्सों में दूध के दाम बेतहाशा बढ़ाए गए हैं। कई दूध कंपनियों ने फरवरी में दूध की कीमतों में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी।

लागत में बढ़ोतरी के कारण मूल्य वृद्धि

दूध उत्पादन और इसे बेचने की कुल लागत में बढ़ोतरी के कारण मूल्य वृद्धि की गई थी। अमूल ने कहा था कि अकेले मवेशियों के चारे की लागत बढ़कर लगभग 20 फीसदी हो गई है। लेकिन कर्नाटक दुग्ध महासंघ ने यह कदम आपूर्ति की कमी के कारण उठाया है। डेक्कन हेराल्ड ने बताया था कि इस साल जनवरी में कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन ने जुलाई 2022 के बाद से दूध की खरीद में नौ से 10 लाख लीटर प्रतिदिन की गिरावट आई है।

2021-22 में दूध का उत्पादन एक दिन में 84.5 लाख लीटर था और यह पहली बार था जब कर्नाटक में दूध उत्पादन में पिछले पांच वर्षों में गिरावट देखी गई थी। दुग्ध उत्पादन में गिरावट का कारण इस मौसम में हरे चारे की अनुपलब्धता और असामान्य गर्मी को बताया जा रहा है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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