यूपी सरकार की नई सोशल मीडिया पॉलिसी पर फैलाई जा रही हैं भ्रामक खबरें, आया ये स्पष्टीकरण
योगी सरकार अपनी जन कल्याणकारी, लाभकारी योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए यह पॉलिसी लेकर आई है। इसे लेकर फैलाई जा रही भ्रामक खबरों पर क्या कहा सरकार ने जानिए।
यूपी में नई सोशल मीडिया पॉलिसी
UP Govt Social Media Policy: उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति-2024 के अंतर्गत अभद्र टिप्पणियां मामले में आजीवन कारावास तक की सजा के प्रावधान को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक खबर वायरल की जा रही है। सरकार ने साफ किया है कि डिजिटल मीडिया नीति में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है। डिजिटल मीडिया नीति 2024 राज्य सरकार की योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तियों/फर्मों को सूचीबद्ध करने और उन्हें विज्ञापन देने के संबंध में है। ऐसी किसी नीति में सजा आदि का प्रावधान कैसे हो सकता है।
नीति के तहत निदेशक सूचना को किसी भी राष्ट्रविरोधी/असामाजिक/अपमानजनक पोस्ट के खिलाफ कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है। इसमें प्रासंगिक कानून के तहत एफआईआर दर्ज करने / उस पोस्ट को हटाने / पैनल को रद्द करने / विज्ञापन को बंद करने से लेकर कुछ भी हो सकता है।
सोशल मीडिया यूजर्स को भारी फायदा
योगी सरकार अपनी जन कल्याणकारी, लाभकारी योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए यह पॉलिसी लेकर आई है। पॉलिसी में अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब पर सरकारी योजनाओं और उपलब्धियों पर आधारित कॉन्टेंट, वीडियो, ट्वीट, पोस्ट और रील को शेयर करने पर उन्हें विज्ञापन देकर प्रोत्साहित किया जाएगा।
कंटेंट प्रोवाइडर को चार श्रेणियों बांटा गया
नई पॉलिसी के तहत विज्ञापन का लाभ लेने के लिए कंटेंट प्रोवाइडर को चार श्रेणियों बांटा गया है। इसमें एजेंसी या फर्म को अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर सब्सक्राइबर और फॉलोअर्स के आधार पर बांटा गया है।
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