संसद कांड: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब इस फोर्स को सौंपी गई सुरक्षा की जिम्मेदारी; जानिए क्या बदलेगा

Parliament Security Breach: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को संसद भवन परिसर के सर्वेक्षण का निर्देश दिया, जिससे व्यापक आधार पर सीआईएसएफ सुरक्षा और दमकल शाखा की नियमित तैनाती की जा सके। यह फैसला संसद सुरक्षा चूक के बाद लिया गया है।

Parliament security Breach

संसद सुरक्षा में चूक मामला

Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में हुई चूक के बाद मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार अब संसद भवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी एक ऐसी फोर्स को देने की तैयारी में जो सरकारी इमारतों की सुरक्षा में सबसे ज्यादा अनुभवी है। यहां तक कि इस फोर्स का गठन भी इसी उद्देश्य के लिए किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, सरकार अब संसद भवन की व्यापक सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंपने जा रही है।
सीआईएसएफ एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF)है जो वर्तमान में परमाणु और एयरोस्पेस डोमेन (उड़ान उद्योग संबंधी) के अंतर्गत प्रतिष्ठानों, असैन्य हवाई अड्डों और दिल्ली मेट्रो के अलावा राष्ट्रीय राजधानी में कई केंद्रीय मंत्रालयों के भवनों की सुरक्षा करता है।

सर्वेक्षण के बाद होगी नियमित तैनाती

सूत्रों की मानें तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को संसद भवन परिसर के सर्वेक्षण का निर्देश दिया, जिससे व्यापक आधार पर सीआईएसएफ सुरक्षा और दमकल शाखा की नियमित तैनाती की जा सके। केंद्र सरकार के मंत्रालयों की सुरक्षा करने वाली सीआईएसएफ की सरकारी भवन सुरक्षा (GBS) इकाई के विशेषज्ञ और वर्तमान संसद सुरक्षा टीम के अधिकारियों के साथ सीआईएसएस के अग्निशमन और बचाव अधिकारी इस सप्ताह के अंत में सर्वेक्षण शुरू करेंगे।

CISF के सुरक्षा घेरे में होंगी नई और पुरानी दोनों इमारतें

सूत्रों ने बताया कि नए और पुराने दोनों संसद परिसर और उनकी संबद्ध इमारतों को सीआईएसएफ के व्यापक सुरक्षा घेरे में लाया जाएगा, जिसमें संसद सुरक्षा सेवा (पीएसएस), दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संसद ड्यूटी समूह (पीडीजी) के मौजूदा घटक भी मौजूद होंगे। सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक समिति संसद परिसर के समग्र सुरक्षा मुद्दों को देख रही है और वह सुधार के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को सिफारिशें देगी।

संसद हमले की बरसी पर हुई थी चूक

संसद पर 13 दिसंबर को 2001 को हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन एक बड़ी सुरक्षा चूक के तहत दो व्यक्ति शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए, केन से पीला धुआं छोड़ा और नारे लगाए। आरोपियों को बाद में सांसदों ने काबू में कर लिया। लगभग उसी समय दो अन्य लोगों ने संसद परिसर के बाहर नारे लगाते हुए केन से रंगीन धुआं छोड़ा।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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